अपमान व जिल्लत से मुक्त हो जनता के बीच देंगे समय
शेखपुरा : 24 घंटे के उपवास पर बैठे नेता जितेंद्र नाथ ने शनिवार को अपने समर्थकों को कहा कि 45 साल के राजनीतिक सफर में पहली बार जब बिहार में वजूद की वापसी का वक्त आया तब कुछ शातिर गिरोह की सक्रियता दीवार बन गयी. पार्टी में ईमानदारी और समर्पण की भावना से काम करने के एवज में पार्टी की गिरोहबाजी उन्हें अपमान और जिल्लत के दौर से गुजरने को विवश किया था.
आखिरकार जब शेखपुरा के आंदोलनों की अस्मिता पर सवाल खड़े कर अवाम को जलील करने की कोशिश की गयी. उन्होंने पार्टी से इस्तीफे करने का कदम उठाया. इसके बाद भी पार्टी में गिरोहबाजी कर रहे लोग पार्टी से निष्कासन का दुष्प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिल्लतों की प्रताड़ना शायद हमें नहीं डिगाती, लेकिन शेखपुरा की आवाज की मांग और स्वाभिमान ने हमें पार्टी छोड़ने का हौसला दिया.
पार्टी को त्याग अब जनता के बीच स्वतंत्र रूप से समय देकर उनके सवालों पर संघर्ष तेज करेंगे. शनिवार को जितेंद्र नाथ के 24 घंटे का उपवास जगदीश चौहान ने जूस पिला कर तोड़वाया.
मौके पर सैकड़ों की संख्या में छात्र संगठन, किसान संगठन, पत्थर व्यवसायी एवं समर्थकों ने हौसला अफजाई की. साथ ही कहा कि सीपीआइ ने जितेंद्र नाथ की अस्मिता पर सवाल खड़ा कर अपनी कब्र खोदनी शुरू कर दी है. मौके पर पत्थर व्यवसायी मंजूर आलम, रामबालक यादव, गौतम कुमार, मो मुअज्जम समेत अन्य लोग मौजूद थे.