फसल क्षति राशि में गड़बड़ी को लेकर किसानों में आक्रोश
शेखपुरा : किसानों के फसल क्षति का मुआवजा सरकारी कर्मियों द्वारा बंदरबांट कर लेने को लेकर गुरुवार को अरियरी प्रखंड के वीमान पंचायत के किसान समाहरणालय पहुंचे वीमान पंचायत के इन किसानों को राशि से वंचित करते हुए सरकारी कर्मी तथा कृषि विभाग के निचले कर्मचारी ने अपने परिजनों के नाम पर फसल नुकसान की […]
शेखपुरा : किसानों के फसल क्षति का मुआवजा सरकारी कर्मियों द्वारा बंदरबांट कर लेने को लेकर गुरुवार को अरियरी प्रखंड के वीमान पंचायत के किसान समाहरणालय पहुंचे वीमान पंचायत के इन किसानों को राशि से वंचित करते हुए सरकारी कर्मी तथा कृषि विभाग के निचले कर्मचारी ने अपने परिजनों के नाम पर फसल नुकसान की राशि डाल ली. वीमान पंचायत के आक्रोशित किसानों ने जिलाधिकारी के जनता दरबार में सामूहिक आवेदन दिया.
आवेदन में दोषी के खिलाफ एक सप्ताह के अंदर कानूनी कार्रवाई की मांग की है. एक सप्ताह में जिला प्रशासन द्वारा कोई समुचित कार्रवाई नहीं किये जाने पर इस मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की भी बात कही है. किसानों ने आरोप लगाया है कि इस मामले में जिस सरकारी कर्मी को मौका मिला उसने अपने रिश्तेदारों के नाम पर फसल क्षति का रुपया बैंक खाते में डाल दिया है.
इन कर्मियों द्वारा कई किसानों को भूमि के दस गुणा तक का क्षति मुआवजा दे दिया गया है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि राजस्व कर्मचारी विलास प्रसाद सिंह ने अपनी पत्नी के नाम पर रुपया लिया है,जबकि राजस्व कर्मचारी शेखोपुरसराय प्रखंड के ओनमा गांव के निवासी है. उनका तथा उनकी पत्नी का कोई भी जमीन वीमान पंचायत में नहीं है.
उसी प्रकार किसान सलाहकार संदीप कुमार ने पत्नी,भाभी तथा बहन के खाते में फसल क्षति का रुपया डलवा लिया.पंचायत के क्षति का सामना कर रहे किसानों के अलावा दूसरे गांव तथा पंचायत के किसानों को भी इस मुआवजा राशि से अनुग्रहित किया गया.
इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा अरियरी बीडीओ से एक रिपोर्ट तलब की गयी है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट सामने आने के बाद ही इस मामले में हुई कथित गड़बड़ी के बारे में कुछ भी कहा जा सकता है.