गांवों में बसती है भारत की संस्कृति:कार्लोस
शेखपुरा : स्पेन के बारासिलोना से पहुंचे वृद्ध दंपती मि कार्लोस मोसरोस कैबस एवं किस्तीना वार्नेस गोमेज ने कहा कि आधुनिकता की ओर बढ़ रहे भारत में यहां की संस्कृति की सुरक्षा बरकरार रखने की जरूरत है. भारत के गांवों में जो संस्कृति बसती है. वह पष्चिमी देशों के अंदर महज किताबों तक ही सिमटी […]
शेखपुरा : स्पेन के बारासिलोना से पहुंचे वृद्ध दंपती मि कार्लोस मोसरोस कैबस एवं किस्तीना वार्नेस गोमेज ने कहा कि आधुनिकता की ओर बढ़ रहे भारत में यहां की संस्कृति की सुरक्षा बरकरार रखने की जरूरत है. भारत के गांवों में जो संस्कृति बसती है. वह पष्चिमी देशों के अंदर महज किताबों तक ही सिमटी है.
वर्त्तमान समय में आधुनिकता में पूरी तरह डूब चूके पष्चिमी देश भारतीय संस्कृति का लोहा मानने को विवश है. स्पेन स्थित फाइनेंसियल कम्पनी असेसोरिया मोनरोस प्रा0 लि0 के फाउंडर चेयरमैन कार्लोस एवं उनकी पत्नी किस्तीना भारा के विभिन्न राज्यों मे घुमते हुए शेखपुरा पहुंची एवं शहर के गिरीहिण्डा स्थित शिक्षण संस्थान बुद्धा इंटरनेष्नल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप शामिल हुए. इस दौरान नन्हें–मुन्हे स्कूली बच्चों ने उनका भव्य स्वागत किया.
विदेशी दम्पत्ति ने भारतीय सभ्यता संस्कृति की तारीफ की एवं कहा कि बेहतर विकास के साथ–साथ अपनी संस्कृति को आधुनिकता में डूबने से बचाना आवष्यक है. इस मामले में भारत काफी धनी है. साथ ही उन्होंने बिहार में बदलाव की तारीफ करते हुए कहा कि उससे पहले जब वे लोग 2008 में बिहार आये थे तो सड़कों की स्थिति काफी जर्जर थी. शेखपुरा से पटना जाने के बाद उनके शरीर में काफी दर्द उत्पन्न हो गया था.
जिसके कारण उन्हे पटना के होटल में ही रूकना पड़ गया था. मौके पर विद्यालय के निदेशक रविभुषण ने स्पेनिश दम्पत्ति और स्थानीय लोगों के बीच द्ववैभाषिये ट्रांसलेटर की भुमिका अदा की. इसके साथ ही कार्यक्रम में प्राचार्य शशिभुषण, प्रीति कुमारी, संतोष कुमार, समाजसेवी वीरेन्द्र महतो, मो सिकंदर, सुरेश कुमार, अनुज प्रसाद समेत कई अन्य लोग मौजूद थे.