शेखपुरा : शेखपुरा में हत्याओं के सिलसिले ने एक बार फिर लोगों के दिलों में अपराध का भय शुरू हो गया है. महज सात दिनों में पांच हत्याओं की घटनाओं ने पुलिसिया व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. गुरूवार को दो हत्याओं से पूर्व की घटनाओं में संलिप्त अपराधियों को धर–पकड़ने में सफलता के लिए पुलिस जहां उपलब्धियां गिना रहा है. वहीं इन सब के बीच लगातार घट रही घटनाओं से लोगों ने पुलिसिया व्यवस्था पर सवाल उठना शुरू कर दिया है.
इन घटनाओं के बाद आम लोगों में कानून के प्रति विश्वास एवं अपराधियों में कानून का भय पैदा करने के लिए पुलिस प्रशासन को कड़ी मेहनत करनी होगी. परंतु फिलहाल इन घटनाओं लोगों को डर की रात एवं दहशत के दिन काटने को विवश कर दिया है. विगत घटनाओं पर अगर नजर दौड़ाई जाय तो 22 अक्तूबर को वाहन लूट की घटना को अंजाम देने के लिए कसार गांव निवासी अनिल महतो के मैजिक वाहन की बुकिंग करने के बाद उसे तभी उसके सहयोगी आनंदी राम को अगवा कर नवादा जिले के वारसलीगंज में दोनों की हत्या कर दी गई.
22 अक्तूबर की रात्रि को ही वृंदावन गांव निवासी व जदयू नेता संजीत को पटेल चौक से अगवा करने के बाद उसकी निर्मम हत्या कर शव को टुकड़ों में जमुई जिला के जंगलों में गाड़ दिया गया. इसके बाद गुरूवार की सूबह 14 वर्षीय छात्र सौरभ की निर्मम हत्या एवं दोपहर में वाजिदपुर गांव से कुछ दूरी पर सिर कटी अज्ञात लाश को बरामद किया गया.