दो हत्याओं का मामला सुलझा भी न था कि एक और हत्या

शेखपुरा : दो हत्याओं का मामला अभी सुलझा भी न था कि अपराधियों ने एक और हत्या को अंजाम दे दिया. शेखपुरा में हत्या की घटनाओं का तेज रफ्तार के कारण प्रशासनिक सक्रियता पर आम लोगों का भरोसा उठने लगा है. इसका परिणाम है कि शाम ढलने के बाद बाजारों में घुमनेवाले कई युवक एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2015 5:27 AM

शेखपुरा : दो हत्याओं का मामला अभी सुलझा भी न था कि अपराधियों ने एक और हत्या को अंजाम दे दिया. शेखपुरा में हत्या की घटनाओं का तेज रफ्तार के कारण प्रशासनिक सक्रियता पर आम लोगों का भरोसा उठने लगा है. इसका परिणाम है कि शाम ढलने के बाद बाजारों में घुमनेवाले कई युवक एवं आसपास के ग्रामीण अपने-अपने घरों में बंद हो जाते हैं. हत्याओं के इस सिलसिले ने जहां पुलिस प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

वहीं, 29 अक्तूबर को घटित हत्या की दो घटनाओं में से 14 वर्षीय छात्र सौरव की हत्या के मामले में पुलिस अब तक हत्यारों को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है. हत्या की दूसरी
घटना में तो पुलिस अब तक सिर कटी लाश के संबंध में कुछ भी पता नहीं लगा पायी है. 29 अक्तूबर को ही वाजिदपुर गांव से कुछ दूरी पर स्थित रतोइया छिलका से एक युवक की सिर कटी लाश को बरामद किया गया था. परंतु, हत्या की इस घटना को कोई भी सुराग पुलिस अब तक जुटा नहीं पायी. इसके बाद माफो गांव में शिवालक यादव नामक युवक की निर्मम हत्या कर दी गयी.
गौरतलब है कि 22 अक्तूबर को भी कसार गांव से मैजिक संचालक अनिल महतो एवं उसके सहयोगी आनंदी राम को वाहन लूट की मंशा से मौत के घाट उतार दिया गया था. जबकि, उसी रात वृंदावन गांव निवासी जदयू नेता संजीत को अगवा करने बाद हत्या कर शव के टुकड़ों को सिकंदरा के जंगलों में गाड़ दिया गया था. महज 15 दिनों के भीतर 06 हत्याओं की घटनाओं ने पुलिसिया सक्रियता की जहां पोल खोल दी है. वहीं, आम लोग बढ़ते अपराध के बीच भय के साये में जीने को विवश हैं.

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