सजे-धजे घाटों से लेकर पूरे इलाके में गूंजे छठी मइया के गीत
शेखपुरा : उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ ही सूर्योपासना का महान धार्मिक पर्व छठ व्रत का अनुष्ठान संपन्न हो गया. घने कुहरे के बीच अर्घदान कर व्रतियों ने 36 घंटे का अखंड निर्जला व्रत पूरा कर पारण किया. घाटों पर प्रसाद वितरण के बाद दिन भर पास-पड़ोस में प्रसाद बांटने का क्रम चलता […]
शेखपुरा : उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ ही सूर्योपासना का महान धार्मिक पर्व छठ व्रत का अनुष्ठान संपन्न हो गया. घने कुहरे के बीच अर्घदान कर व्रतियों ने 36 घंटे का अखंड निर्जला व्रत पूरा कर पारण किया. घाटों पर प्रसाद वितरण के बाद दिन भर पास-पड़ोस में प्रसाद बांटने का क्रम चलता रहा.
छठव्रतियों से आशीर्वाद प्राप्त करने का सिलसिला भी चलता रहा. छठ अनुष्ठान को लेकर नगर क्षेत्र में जिला प्रशासन द्वारा व्यापक इंतजाम किया गया था. छठ घाटों पर साफ-सफाई, पानी आदि की व्यवस्था के साथ-साथ सुरक्षा और सावधानी के भी इंतजाम किये गये थे. शेखपुरा-बरबीघा मुख्य पथ पर रतोइया नदी छठ घाट नगर वासियों के लिए कुछ ज्यादा ही आकर्षण का केंद्र बना हुआ था. इस छठ घाट पर पूरी तरह मेला का सा माहौल बना हुआ था.
मुख्य पथ पर बीते शाम और अंतिम अर्घ के दिन वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी थी. पुलिस ने घाट के दोनों ओर ड्रॉप गेट लगाया था. छठ घाटों पर जिला प्रशासन के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं तथा कई व्यवसायिक प्रतिष्ठानों ने व्रतियों की सुविधा के लिए टेंट-समियाना लगा रखा था. ठेला-खोमचेवाले के साथ-साथ खिलौने तथा श्रृंगार प्रसाधनों की दकानें भी यहां सज गयीं थी. हसनगंज स्थित छठ घाट तालाब भी व्रतियों का मुख्य केंद्र बना रहा.
स्वच्छता धवल पानी के बीच खड़ा होकर व्रतियों ने सूर्य को अर्घ प्रदान किया. वहीं आम लोगों की मदद से लगाये गये स्प्रिंगल मशीन से निकलने वाली पानी की फुहार भी लोगों को लुभा रहा था. नगर क्षेत्र के प्रसिद्ध अरघौती पोखर पर भी छठ व्रती बड़ी संख्या में अर्घ देने के लिए उमड़े थे.