मटोखरशरीफ के दर पर भरती है मुरादों की झोली

शेखपुरा : ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से आपसी सौहार्द और भाईचारा का प्रतीक मटोखर शरीफ का सालाना उर्स 27-28 नवंबर को आयोजित होगा. जिला मुख्यालय से लगभग तीन किमी पश्चिम की दिशा में इस मजार पर प्रतिदिन सैकड़ों लोग माथा टेक कर मन्नतें मांगते हैं. धार्मिक दृष्टिकोण से हजरत ख्वाजा इसहाक मगरवी रहमतुल्लैह के मजार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2015 3:55 AM

शेखपुरा : ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से आपसी सौहार्द और भाईचारा का प्रतीक मटोखर शरीफ का सालाना उर्स 27-28 नवंबर को आयोजित होगा. जिला मुख्यालय से लगभग तीन किमी पश्चिम की दिशा में इस मजार पर प्रतिदिन सैकड़ों लोग माथा टेक कर मन्नतें मांगते हैं. धार्मिक दृष्टिकोण से हजरत ख्वाजा इसहाक मगरवी रहमतुल्लैह के मजार पर चारदपोशी कर मन्नतें मांगनें का खास महत्व है. यही कारण है

कि इस सालाना उर्स के मौके पर शेखपुरा के अलावे बिहार, पश्चिमबंगाल एवं झारखंड के जायरीनों का बड़ा जत्था यहां एकत्रित होकर अपनी मुरादों को लेकर दो दिनों तक पूजा-अर्चना करते हैं. मटोखरशरीफ के इस ऐतिहासिक मजार का सौंदर्य लगभग एक किमी लंबे झील से है. इसके साथ ही सांप्रदायिक एकता का प्रतीक मटोखर शरीफ केइस मजार के मुरीद सभी संप्रदाय के लोग हैं.

बड़ी तादाद में आने वाले मुसलमान और हिंदु श्रद्धालुओं की आस्था यहां सांप्रदायिक एकता की मिसाल बन गयी है. इस परंपरा के खादीम दरगाह मो सइद आलम ने बताया कि 27-28 नवंबर को आयोजित होने वाले इस सालाना उर्स को लेकर श्रद्धालु अपने बूते नागरिक सुविधाओं की जुगाड़ में जुट गये हैं. समय रहते उर्स मेले की तैयारी पूरी कर ली जायेगी.

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