शेखपुरा : जिले के सदर ब्लॉक में लगभग 477 शिक्षकों के नियोजन की निगरानी जांच में फर्जी दस्तावेज तैयार करनेवाला विभागीय कैंप चलाये जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में बीइओ अपनी ही मौजूदगी में नियोजित शिक्षकों का दोबारा नियोजन फाॅर्म भरवा रहे हैं.
शुक्रवार को बीइओ शेखपुरा के कार्यालय में फर्जी तरीके से दोबारा नियोजन फाॅर्म तैयार करने को लेकर पूरे दिन भीड़ उमड़ती रही. खुलेआम जारी इस खेल में कई शिक्षक-शिक्षिकाओं ने इसे प्रखंड शिक्षाधिकारी का आदेश बताया. सूत्रों कि मानें, तो वर्ष 2003 से लेकर आज तक पंचायतों में नियोजित शिक्षकों का कोई दस्तावेज प्रखंड कार्यालयों में भी उपलब्ध नहीं है. नियोजित शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाणपत्र और नियोजन प्रक्रिया की जांच के लिए निगरानी विभाग के द्वारा प्रखंड शिक्षक कार्यालयों से नियोजित शिक्षकों का दस्तावेज मांगा जा रहा है.
कुछ पंचायतों से तो नियोजन से जुड़े दस्तावेज प्रखंडों को मुहैया ही नहीं करायी गयी. जबकि, दस्तावेज जमा हुए, तो नियोजन में फर्जीवाड़ा का खेल खेलनेवालों ने प्रखंड शिक्षा कार्यालय से दस्तावेज को गायब कर दिया. नियोजन का शिकंजा कसने के लिए भले ही निगरानी जांच करायी जा रही हो.
परंतु, विभाग में बैठे शिक्षक अधिकारी ही फर्जी दस्तावेज तैयार करने का कैंप चलायें, तो उस निगरानी जांच का परिणाम क्या होगा, यह तो वक्त ही बतायेगा. शुक्रवार को अभ्यास मध्य विद्यालय के प्रांगण में बीइओ के कार्यालय में प्रा विद्यालय, जमुआरा की नियोजित शिक्षिका गिजाल प्रवीण, मध्य विद्यालय, पचना की शिक्षिका श्वेता कुमारी, स्टेशन रोड गिरीहिंडा की शिक्षिका सुनीता कुमारी, गिरीहिंडा चौक निवासी शिक्षिका रीना कुमारी ने बताया कि बीइओ के निर्देश पर शिक्षक नियोजन का फाॅर्म दोबारा भर कर जमा कराया जा रहा है. निगरानी जांच में दस्तावेज मुहैया कराने के लिए विभाग के इस खेल में खुलेआम फर्जीवाड़ा से व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है.