15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दारू ने छीन लीं खुशियां

शेखपुरा : शराब की लत ने बरबादी की जिस तकदीर को लिखा वह असंख्य और असहनीय है. इस लत को लगाने की गुनाह के लिए सजा की भी कुदरत ने अजीब खेल रचा है. गुनाह करने वाले तो इस दुनियां से चले जाते हैं. मगर सजा उन्हें मिलती है जो इसका सख्त विरोधी होते हैं. […]

शेखपुरा : शराब की लत ने बरबादी की जिस तकदीर को लिखा वह असंख्य और असहनीय है. इस लत को लगाने की गुनाह के लिए सजा की भी कुदरत ने अजीब खेल रचा है. गुनाह करने वाले तो इस दुनियां से चले जाते हैं. मगर सजा उन्हें मिलती है जो इसका सख्त विरोधी होते हैं. यानि शराब की लत में अपनी जान गंवाने वाले के आश्रित ही इसके भुक्तमोगी बन तिल–तिल कर जीने को विवश हो जाते हैं.

सरकार की शराब नीति जब गांवों की ओर अपना दायरा बढ़ाने लगा तब अचानक घरेलु हिंसा,सामाजिक विवाद और अपराध ने भी अपना दायरा बढ़ाया. शराब की लत ऐसी है कि अगर दिन भर की मजदूरी दो से ढाई सौ रुपये का है तब उसमें अगर एक शाम का नशा करने की कीमत पर नजर डाले तब खर्च 50 रुपये का है. यानि कमाई से जहां परिवार का सही ढंग से परवरिश का भी जूगाड़ नही और लोग शराब में बड़ी कमाई झोंक रहे थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें