शेखपुरा : मनरेगा योजना के तहत लोगों को रोजगार देने में शेखपुरा राज्य स्तरीय आंकड़े में काफी पीछे है. इसे पटरी पर लाने के लिए प्रखंडों और पंचायतों को लगातार सक्रिय करने की मुहिम चलायी जा रही है.
मगर इस अभियान की रफ्तार में ब्रेक लगाने के लिए मनरेगा का जिला स्तरीय मैनेजमेंट इन्फोरमेशन सिस्टम दफ्तर की बुनियादी बदहाल सुविधाएं ही काफी है. जानकारों की माने तब यहां महीने के दस दिन लिंक फेल की समस्या बनी रहती है.
बाकी बचे दिनों में भी लिंक की आवाजाही से एमआइएस में मनरेगा से जूड़े डाटा इंट्री के कार्य बुरी तरह प्रभावित रहता है. नाम नहीं छापने की शर्त पर कई प्रतिनिधियों ने कहा कि हद तो यह भी है कि अगर लिंक है और बिजली कट गयी तब पुन: बिजली आने का ही इंतजार करना होता है.
मनरेगा में पिछड़ रहे शेखपुरा को उबारने की कोशिश अंतिम पायदान पर पहुंचकर विकास भवन में ही दम तोड़ने को विवश है. ऐसी स्थिति को जूझ रहे कर्मी और प्रतिनिधि भी आला ऑफिसरों के सामने अपनी जूबान खोलने से भी परहेज करते हैं. ऐसे में व्यवस्था में सुधार हो तो कैसे यह एक बड़ा सवाल है.
एमआइएस ऑफिस का महत्व
जिले मनरेगा योजना के लिए कुल 91 हजार 769 जॉबकार्ड धारी मजदूर हैं. इन मजदूरों के द्वारा काम के लिए दिये जाने वाले आवेदनों की ऑन लाइन इंट्री करानी होती है. प्रत्येक दिन काम करने वाले मजदूरों का मास्टर रोल की इंट्री भी करानी होती है. इसके साथ ही जॉब कार्ड धारियों के खाते के माध्यम से मजदूरी भुगतान एवं योजनाओं की इंट्री समेत अन्य कार्य को एमआइएस कार्यालय में निबटाये जाते हैं.