बैंक व बिजली बिल का मामला छाया

बिहारशरीफ : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर शनिवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. कड़ी सुरक्षा व व्यापक व्यवस्था के बीच आयोजित इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला जज जितेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष सह जिला पदाधिकारी डॉ. त्याग राजन एसएम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2015 12:02 AM

बिहारशरीफ : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर शनिवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. कड़ी सुरक्षा व व्यापक व्यवस्था के बीच आयोजित इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला जज जितेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष सह जिला पदाधिकारी डॉ. त्याग राजन एसएम एवं जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रभात कुमार रूखैयार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.

इस मौके पर एडीजे 10 मो. शाहिद रईस सहित सभी न्यायिक पदाधिकारी, अपर समाहर्ता मो. मुर्शिद आलम सहित कई प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में अधिवक्ता एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे. उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए जिला जज श्री कुमार ने कहा कि नयाय के बिना सामाजिक संरचना की कल्पना नहीं की जा सकती है.

परंतु न्यायिक प्रक्रिया के कारण उन्हें न्याय पाने में काफी विलंब एवं अधिक खर्च व परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोगों की परेशानी को देखते हुए लोक अदालत की शुरुआत की गयी, जहां सुलह के आधार पर त्वरित व नि:शुल्क न्याय दिलाने की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि पक्षकारों के बीच सुलह के आधार पर विवादों एवं मुकदमे के निष्पादन के लिए 15 बेंच का गठन किया गया है.

प्रत्येक बेंच के साथ काउंसेलर की प्रतिनियुक्ति की गयी है, ताकि वे उभय पक्षों के बीच मध्यस्थता कर उन्हें सुलह करने के लिए राजी करा सके. उपाध्यक्ष सह डीएम डॉ. त्याग राजन ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत मुकदमे व विवादों से त्रस्त लोगों के लिए वरदान के समान है. लोगों को इसका लाभ उठाते हुए सुखी व शांतिपूर्ण जीवन बिताने का प्रयास करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन भी अपने स्तर से जनहित में लोक अदालत की सफलता के लिए प्रयासरत है. समारोह को अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री रूखैयार, सचिव दिनेश कुमार, पूर्व अध्यक्ष दशरथ प्रसाद सहित कई लोगों ने संबोधित किया. समारोह का संचालन एडीजे 5 शिवानंद मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन प्राधिकार के सचिव आशुतोष कुमार ने किया.

बैंक ऋण मामले से संबंधित बेंच पर रही भीड़ :
राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर में वैसे तो सभी 15 न्यायिक पीठ पर मामलों के निष्पादन के लिए पक्षकारों का आना-जाना लगा रहा, परंतु सबसे अधिक पक्षकारों की भीड़ बैंक ऋण मामले से संबंधित बेंच के समक्ष देखी गयी. खास कर मध्य बिहार ग्रामीण बैंक एवं पीएनबी सहित अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों से संबंधित बेंच के पास भारी संख्या में पक्षकार ऋण सेटलमेंट े लिए बैंक अधिकारियों के साथ मोल-जोल करते रहे. इसी प्रकार बिजली बिल में गड़बड़ी की शिकायत करने वालों का भी इसके लिए गठित विशेष बेंच के समक्ष तांता लगा रहा. बिजली चोरी व उत्पाद अधिनियम के मामले के निष्पादन के लिए भी काफी लोगों ने संबंधित बेंच के समक्ष गुहार लगायी.
विद्युत विभाग व उत्पाद विभाग के अधिकारी विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में निर्धारित कपांउंडिंग फीस व जुर्माना राशि अदा करने की शर्त पर सुलह करने पर राजी हुए. वहीं बैंक अधिकारी भी ऋण माफी के लिए निर्धारित सीमा से नीचे आने में विवशता प्रकट करते देखे गये.
इंश्योरेंस कंपनी ने दिखायी उदासीनता : मोटर वाहन दुर्घटना क्लेम से संबंधित मामलों के निष्पादन में इंश्योरेंस कंपनियां पर्याप्त रुचि नहीं दिखा पायी. खास कर निजी इंश्योरेंस कंपनी तो राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति पूरी तरह उदासीन रहे. रिलायंस इंश्योरेंस कंपनी सहित निजी कंपनियों द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में ना तो किसी प्रतिनिधि को भेजा गया और ना ही अपने स्थानीय अधिवक्ता को किसी भी केस में सेटलमेंट करने के लिए अधिकृत किया गया. उनकी इससे क्षेत्रों से आये पक्षकारों को काफी निराशा का सामना करना पड़ा.
हेल्प डेस्क से डीजे के नेतृत्व में की गयी मॉनिटरिंग :
स्थानीय व्यवहार न्यायालय के प्रांगण में हेल्प डेस्क सह नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी थी. जहां से डीजे श्री कुमार के नेतृत्व में पूरे कार्यक्रम के संचालन की मॉनिटरिंग की जाती रही. इस मौके पर उपस्थित समन्वय समिति के सदस्यों के सहयोग से आम लोगों की समस्याओं व शिकायातें को भी दूर करने का प्रयास किया गया.
हिलसा.अनुमंडलीय विधिक सेवा प्राधिकार के तहत शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिषद में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1637 मामले का निष्पादन किया गया. जबकि बैंक, जमीन, बिजली चोरी जैसे मामलों में सुलहनीय के तौर पर करीब पौने 68 लाख रुपये प्राप्त किये गये. स्थानीय न्यायालय में लोक अदालत के लिए अलग-अलग छह बेंच बनाये गये थे,
जहां सभी बेंचों पर मजिस्टेट तैनात थे. सुबह से ही सभी बेंचों पर मजिस्टेट तैनात थे. सुबह से ही विभिन्न मामले से संबंधित लोगों की भीड़ जुटने लगी थी. इस लोक अदालत में सबसे अधिक मामला जमीन, दाखिल खारिज तथा बैंक से संबंधित केस पहंुची. लोक अदालत में फरियादों की उमड़ी से से प्रशासन की चुस्त दुरुस्त व्यवस्था के कारण शांतिपूर्ण माहौल बना रहा.
और अधिवक्ता का अहम भूमिका रहा.

Next Article

Exit mobile version