शेखपुरा : चेवाड़ा प्रखंड का छठियारा गांव की कहानी भी अजीब है. यहां बिजली पहुंची भी और नहीं भी. दरअसल वर्ष 2011 में यहां ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत पोल, ट्रांसफाॅर्मर और तार लगा कर विद्युत आपूर्ति बहाल की गयी. इस दरम्यान घटिया गुणवत्ता का कार्य तेज आंधी में धराशायी हो गया.
तब से लेकर आज तक दोबारा किसी ने इसकी सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझा. विद्युतीकरण के इस खेल में विभागीय खाते में उपभोक्ता बने ग्रामीण आज ठगा सा महसूस कर रहे हैं. सरकार की इस मुहिम में संवेदक ने डोर-टू-डोर उपभोक्ताओं के घरों में मीटर और तार पहुंचा दिया. सबसे बड़ी विडंबना यह है कि गांव में विद्युतीकरण का यह माजरा विधानसभा के शून्यकाल में भी उठाया गया, परंतु धरातल पर आज तक कुछ नहीं मिला.
जमीन पर धराशायी विद्युत पोल और ट्रासंफार्मर को लेकर ग्रामीण अधिकारियों पर जहां शिथिलता का आरोप मढ़ रहे हैं. वहीं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा राजनैतिक द्वेष साधने की बात कहते हैं. गांव के समाजसेवी व भाजपा नेता शंभु शरण पटेल ने कहा कि चेवाड़ा प्रखंड का छठियारा पंचायत में छठियारा के साथ-साथ केवाली, बेलदारी और जयनगर भी विद्युतीकरण से महरूम है. इन गांवों में लगभग 08 हजार की आबादी निवास करती है, तब इनके साथ उपेक्षा की नीति क्यों अपनायी जा रही है.