एसी-डीसी बिल जमा नहीं करनेवालों का वेतन रुका

शेखपुरा : एसी-डीसी बिल जमा नहीं करने वाले विभाग के अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया है. अब बिल जमा नहीं करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की चेतावनी जारी कर दी गयी है. सरकार द्वारा आवंटित राशि को लेकर यह बिल विभाग में जमा करना होता है. यहां सबसे ज्यादा यह बिल निर्वाचन शाखा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2016 2:41 AM

शेखपुरा : एसी-डीसी बिल जमा नहीं करने वाले विभाग के अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया है. अब बिल जमा नहीं करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की चेतावनी जारी कर दी गयी है. सरकार द्वारा आवंटित राशि को लेकर यह बिल विभाग में जमा करना होता है. यहां सबसे ज्यादा यह बिल निर्वाचन शाखा का बकाया है. निर्वाचन शाखा का 54 लाख रुपये में से 34 लाख रुपये का बिल अभी जमा किया जाना है.

सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक में यह बात प्रकाश में आयी. डीडीसी निरंजन कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित अधिकारियों की बैठक में एडीएम जवाहर लाल सिन्हा सहित सभी विभागों के अधिकारी और बीडीओ-सीओ आदि मौजूद थे. बैठक में एडीएम ने बताया कि सरकार द्वारा दिसंबर माह तक एसी-डीसी बिल का ब्योरा जमा नहीं करने वालों का वेतन स्थगित कर दिया गया है तथा फरवरी तक जमा नहीं करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जायेगी.
बैठक में लिये गये अन्य निर्णयों की जानकारी देते हुए जिला सूचना व जनसंपर्क पदाधिकारी योगेंद्र कुमार लाल ने बताया कि अधिकारियों के साथ बैठक में सभी विभागों के सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों के सभी औपचारिकताएं ससमय पूरा कर लेने को कहा गया, ताकि उन्हें सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी लाभ दिये जा सके. बैठक में सबसे ज्यादा जोर आम लोगों द्वारा किये गये जन शिकायत के लंबित मामलों पर रहा. प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, पटना उच्च न्यायालय, लोकायुक्त, मानवाधिकार आयुक्त आदि के पास दिये गये जन शिकायत के अलावा जिलाधिकारी के जनता दरबार में दिये गये
जन शिकायत के लंबित आवेदनों के निष्पादन की जानकारी ली गयी. बैठक में इन मामलों को तेजी से निबटाये जाने को लेकर चर्चा की गयी. डीडीसी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी जगह से प्राप्त जन शिकायतों का अलग-अलग रजिस्टर संधारण किया जाय. पटना उच्च न्यायालय के लंबित मामलों में तथ्यों का ब्योरा शीघ्र जमा करने को कहा गया, ताकि सरकारी वकील द्वारा पटना उच्च न्यायालय में जवाबी हलफनामा दायर किया जा सके. बैठक में सेवा के अधिकार कानून के तहत बनाये जाने वाले प्रमाण पत्रों के बारे में भी समीक्षा की गयी.

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