भूमि का निबंधन शुल्क 20 प्रतिशत बढ़ा

शेखपुरा : जिले में शहरी भूमि खरीदना अब सभी के बस का नहीं रहा. शहरी क्षेत्र में भूमि खरीदने से ज्यादा महंगा उसका निबंधन कराना पड़ेगा. जिला प्रशासन ने शेखपुरा और बरबीघा दोनों नगर क्षेत्र के भूमि के खरीद बिक्री के निबंधन को 20 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया है. जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2016 3:24 AM

शेखपुरा : जिले में शहरी भूमि खरीदना अब सभी के बस का नहीं रहा. शहरी क्षेत्र में भूमि खरीदने से ज्यादा महंगा उसका निबंधन कराना पड़ेगा. जिला प्रशासन ने शेखपुरा और बरबीघा दोनों नगर क्षेत्र के भूमि के खरीद बिक्री के निबंधन को 20 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया है. जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व वाले न्यूनतम मूल्यांकन समिति ने यह निर्णय लिया है. सरकार के लिए सबसे ज्यादा राजस्व की वसूली करने वाला यह विभाग अपनी कमाई को आगे भी बढ़ाये रखना चाहता है.

सरकारी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शेखपुरा नगर क्षेत्र में 16 मौजा है, जबकि बरबीघा नगर क्षेत्र में यह संख्या 10 है. सभी मौजा के भूमि के निबंधन राशि का एकाएक बढ़ा दिया गया है. अभी फिलहाल इस संबंध में औपबंधिक सूचना जारी कर दी गयी है. यह सूचना जिला वासी निबंधन कार्यालय में देखने के साथ-साथ जिला वेबसाइट पर घर बैठे भी देख सकते हैं तथा इस संबंध में आपत्ति 27 जनवरी तक कर सकेंगे. आपत्ति संबंधी आवेदन अपर जिला निबंधन कार्यालय में कार्यावधि में स्वीकार किये जायेंगे.

आपत्ति में समिति द्वारा दिये गये निर्णयों को तार्किक रूप से चुनौती दे सकेंगे. गौरतलब है कि शहरी क्षेत्र की भूमि के निबंधन की राशि पहले से ही आसमान छू रही थी. शेखपुरा से ज्यादा निबंधन शुल्क बरबीघा नगर पंचायत क्षेत्र का है. शेखपुरा के कटरा चौक का सबसे व्यस्ततम स्थान का निबंधन शुल्क का मूल्य प्रति डिसमिल 10 लाख रुपया है.

वहीं बरबीघा के सघनतम स्थान झंडा चौक के प्रति डिसमिल के निबंधन का मूल्यांकन 13 लाख रुपया हो रहा है. इस बढ़ी राशि से लोगों के भूमि निबंधन का काम दिवा स्वप्न साबित हो जायेगा. जिला न्यूनतम मूल्यांकन समिति द्वारा लिये गये इस निर्णय की आलोचना शुरू हो गयी है. लोग इसे महंगाई के करेला पर नीम का लेप बता रहे हैं. हालांकि समिति ने आपत्ति के मार्ग लोगों के लिए खोल रखा है.

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