तीन बेटियों को बधार में छोड़ गयी मां

अरियरी के चांदनी गांव निवासी महादलित महिलाओं ने दिया सहारा शेखपुरा : गांव में सौतन की मामूली विवाद में एक महिला ने अपने पांच बेटियों में से तीन को अनजान और सुनसान बधार में छोड़ कर खुद भी लापता हो गयी. पांच से लेकर दो साल की आयु में तीनों बहनों की जिंदगी दांव पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2016 4:06 AM

अरियरी के चांदनी गांव निवासी महादलित महिलाओं ने दिया सहारा

शेखपुरा : गांव में सौतन की मामूली विवाद में एक महिला ने अपने पांच बेटियों में से तीन को अनजान और सुनसान बधार में छोड़ कर खुद भी लापता हो गयी. पांच से लेकर दो साल की आयु में तीनों बहनों की जिंदगी दांव पर लग ही जाती कि एन वक्त पर फरिश्ता बन कर अरियरी प्रखंड के चांदी गांव के महादलित मुनुर देवी और बेबी देवी ने तीनों बच्चों को पनाह दी. महिलाओं ने बताया कि वे पड़ोसी गांव मय पर गांव से प्याज की रोपनी कर संख्या करीब छह बजे घर लौट रही थी,

तभी बीच बधार में तीन बहनें खड़ी होकर चीख-चीख कर न सिर्फ रो रही थी बल्कि बिना स्वेटर और चादर की बच्चियों ठंड से ठिठुर रही थी. बच्चें की सूचना पर कसार पुलिस ने भी छानबीन की. काफी पूछताछ के बाद पांच वर्षीया बच्ची ने अपना नाम रीना कमारी एवं दो वर्षीय गौरी कुमारी जबकि पिता का नाम बुधन चौधरी बताया.

बच्चियों से काफी पूछताछ के बाद शेखोपुरसराय बाजार का नाम बताया. इस दौरान पुलिस सहयोग से उन बच्चियों को शेखोपुरसराय के जोधन बिगहा गांव निवासी बतायी जाती है. शेखोपुरसर पुलिस ने बताया कि तीनों बच्चियों का पिता बुधन चौधरी दिल्ली में मजदूरी करता है तथा उसने दो विवाह रचाये है.

Next Article

Exit mobile version