चापाकल गाड़ने पर लगी है रोक
बिहारशरीफ : विधायकों व विधान पार्षदों की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री पेयजल योजना के तहत जिले में करीब 14 सौ चापाकल गाड़े जाने थे. इस योजना के तहत 2015-16 के लिए चापाकल गाड़ने का कार्य भी शुरू हुआ था. मगर कुछ ही चापाकल गाड़े जाने के बाद इस योजना के काम पर रोक लगा दी गयी […]
बिहारशरीफ : विधायकों व विधान पार्षदों की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री पेयजल योजना के तहत जिले में करीब 14 सौ चापाकल गाड़े जाने थे. इस योजना के तहत 2015-16 के लिए चापाकल गाड़ने का कार्य भी शुरू हुआ था. मगर कुछ ही चापाकल गाड़े जाने के बाद इस योजना के काम पर रोक लगा दी गयी है. इस रोक के बाद से ही चापाकल गाड़ने का कार्य ठप है. विभागीय सूखे पड़े चापाकल खूंटे बने हुए हैं और मवेशियों के बांधों के काम आ रहे हैं.
पानी की समस्या को देखते हुए संपन्न परिवारों ने या तो अपने घरों में अधिक गहराई वाले चापाकल लगा लिये हैं अथवा बोरिंग लगा लिया है. गरीब परिवारों के लिए यह बस की बात नहीं है. जैसे -जैसे जलस्तर गिरता जा रहा है. चापाकल बेकार होते जा रहे हैं.
ठेकेदारों के फंसे हैं करीब 50 लाख: मुख्यमंत्री चापाकल योजना का काम बंद होने से चापाकल गाड़ने वाले ठेकेदारों की मोटी रकम फंसी हुई है. चापाकल गाड़ने के लिए ठेेकेदारों से एग्रीमेंट किया गया था और इसके लिए सिक्यूरिटी मनी के रूप में बड़ी राशि जमा करायी गयी थी.
सूत्र बताते हैं कि ठेकेदारों के करीब 50 लाख रुपये फंसे हुए हैं. काम बंद होने के बाद ठेकेदारों को उनकी राशि लौटाने के संबंध में अब तक कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिला है. जिससे उनमें ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. योजना के बाद में होने के बारे में कोई भी जानकारी पीएचइडी के स्थानीय अधिकारी देने में अपनी असमर्थता व्यक्त करते हैं.