शेखपुरा : जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि गांव की अर्थव्यवस्था सुधरने से ही देश का विकसित होना संभव है. गांवों के विकास में बैंकों की भूमिका अहम है.
ऐसे में स्वयं सहायता समूहों के जरिये गांवों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बिहार ग्रामीण बैंक ने जिले में अग्रणी भूमिका निभा रहा हे. इस दिशा में अन्य बैंकों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए. जीविका एवं मरिया आश्रम के सक्रियता से जिले में स्वयं सहायता समूहों की बेहतर स्थिति है, परंतु बैंकों का असहयोग दुर्भाग्यपूर्ण बात है.
मंगलवार को शहर के टाउन हॉल में समारोह आयोति कर बैंक के द्वारा स्वयं सहायता समूहों के बीच ऋण वितरण किया गया. इस मौके पर बिहार ग्रामीण बैंक के चेयरमैन अरविंद सिंह शेखावत, डीडीसी निरंजन कुमार झा, रिजनल मैनेजर समीर कुमार, जीविका डीपीएम रागिनी कुमारी समेत अन्य लोगों ने समारोह को संबोधित किया.
मौके पर वक्ताओं ने बैंकिंग सेवा से जुड़ने के महत्वों के साथ-साथ बीमा, पेंशन समेत अन्य योजनाओं की अहम जानकारी दी. रिजनल मैनेजर ने बताया कि जिले में जिले के 636 स्वयं सहायता समूहों के बीच 02 करोड़ 60 लाख 17 हजार रुपये का ऋण वितरित कर 3331 सदस्यों को स्वरोजगार के लिए स्वावलंबी बनाया गया. इस मौके पर जीविका कर्मी वीरल कुमार, राहुल कुमार, शाखाओं के प्रबंधक एवं बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे.