डीएम व सीएस की पहल से बची प्रसूता की जान

प्रसव के बाद सदर अस्पताल पहुंची प्रसूता को भरती करने से किया गया था इनकार शेखपुरा : बुधवार की रात्रि टाल क्षेत्र के वृंदावन गांव से चल कर सदर अस्पताल पहुंची 20 वर्षीया प्रसूता शोभा देवी की जिंदगी दांव पर लग गयी, जब उसे सदर अस्पताल से बिना उपचार के ही बाहर कर दिया. पीड़ित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2016 6:51 AM

प्रसव के बाद सदर अस्पताल पहुंची प्रसूता को भरती करने से किया गया था इनकार

शेखपुरा : बुधवार की रात्रि टाल क्षेत्र के वृंदावन गांव से चल कर सदर अस्पताल पहुंची 20 वर्षीया प्रसूता शोभा देवी की जिंदगी दांव पर लग गयी, जब उसे सदर अस्पताल से बिना उपचार के ही बाहर कर दिया. पीड़ित ससुर वृजनंदन महतो ने बताया कि प्रसव पीड़ा के बाद जब संस्थागत प्रसव के लिए सदर अस्पताल के लिए निकले तब गर्भवती ने रास्ते में ही बच्चों को जन्म दे दिया.
लेकिन प्रसूता के बच्चे के साथ प्लेसेंटा बाहर नहीं निकलने के कारण स्थिति गंभीर हो गयी.
घंटे भर सफर के बाद जब बुधवार की रात्रि करीब नौ बजे रात्रि सदर अस्पताल पहुंचे तब वहां प्रारंभिक उपचार किये बगैर ही अस्पताल के बाहर कर दिया. प्रसूता की गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजन मदद के लिए रोने बिलखने लगे. इसी दौरान पीड़िता के परिजन ने अपनी पीड़ा जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह व सिविल सर्जन विजय कुमार को दूरभाष पर सुनायी.
दरअसल अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं रहने के कारण कर्मियों ने गंभीर मरीज का उपचार करने से इनकार कर दिया. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम व सीएस तत्काल चिकित्सक की व्यवस्था करा कर प्रसूता का उपचार करवाया और उसकी जान बचायी जा सकी.

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