मुहिम. स्कूली बच्चों ने होने वाले नुकसान की दी जानकारी

शराब बंदी पर जागरूकता पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया स्कूली बच्चों ने शराब सेवन से परिवार और समाज पर होने वाले आर्थिक व सामाजिक सभी पहलुओं पर एक से बढ़ कर एक पेंटिंग तैयारी की है. स्कूली बच्चों ने अपने पेंटिंग के दौरान कुची चलाने के अलावा शराब मुक्ति को लेकर प्रभावी नारे भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2016 1:42 AM

शराब बंदी पर जागरूकता

पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया
स्कूली बच्चों ने शराब सेवन से परिवार और समाज पर होने वाले आर्थिक व सामाजिक सभी पहलुओं पर एक से बढ़ कर एक पेंटिंग तैयारी की है. स्कूली बच्चों ने अपने पेंटिंग के दौरान कुची चलाने के अलावा शराब मुक्ति को लेकर प्रभावी नारे भी अंकित किये.
शेखपुरा : सरकार द्वारा राज्य में शराब बंदी को लेकर स्कूली बच्चों ने आम जनों को रास्ता दिखाया. बच्चों ने पेंटिंग के माध्यम से शराब बंदी को लेकर आम जनों को जागरूक करने का प्रयास किया. पुलिस सप्ताह के तहत चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के तहत गुरुवार को स्कूली बच्चों के बीच पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था.
स्थानीय टाउन हॉल में जिले भर के 71 स्कूली बच्चों ने पेंटिंग के बहाने शराब बंदी के विभिन्न आयामों को दर्शाया. इन पेंटिंग को तैयार करने वाले बच्चों को पुलिस सप्ताह के समापन पर पुरस्कृत किया जायेगा. टाउन हॉल में आयोजित बच्चों के पेंटिंग प्रतियोगिता में एसपी राजेंद्र कुमार भील सहित कई पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.
एसपी ने बच्चों की इस कल्पनाशीलता व प्रतिभा को देख दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो गये. स्कूली बच्चों ने शराब सेवन से परिवार और समाज पर होने वाले आर्थिक व सामाजिक सभी पहलुओं पर एक से बढ़ कर एक पेंटिंग तैयारी की है. स्कूली बच्चों ने अपने पेंटिंग के दौरान कुची चलाने के अलावा शराब मुक्ति को लेकर प्रभावी नारे भी अंकित किये.
आदर्श थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि पुलिस सप्ताह के पूरी सप्ताह एक के बाद एक आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जा रहेउ हैं. कल पुलिस-पब्लिक के बीच संबंध के बाद गुरुवार को पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. अब शुक्रवार को बच्चों द्वारा प्रभात फेरी का आयोजन किया जायेगा. प्रभात फेरी में भी बच्चे आम लोगों को शराब बंदी तथा यातायात के नियमों के पालन का आग्रह करेंगे. उन्होंने आगे बताया कि बच्चों के पास बड़ों को सिखाने के लिए ढेर सारे तथ्य मौजूद है तथा बच्चों के आग्रह को हम सभी स्वेच्छा से मानने को तैयार रहते हैं.

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