32 सौ परिवारों को रोजगार
शेखपुरा : जिले में बेरोजगारी की बड़ी चुनौती है. इस बड़ी चुनौती को बहुत हद तक कम करने में प्रशासनिक मुहिम समाज के अंदर सकारात्मक पहलकदमी कर रही है. इस मुहिम से शिक्षित बेरोजगार युवक एवं युवतियां काफी आशन्वित भी है. जिले में केनरा बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान पिछले पांच सालों से प्रशिक्षण के […]
शेखपुरा : जिले में बेरोजगारी की बड़ी चुनौती है. इस बड़ी चुनौती को बहुत हद तक कम करने में प्रशासनिक मुहिम समाज के अंदर सकारात्मक पहलकदमी कर रही है. इस मुहिम से शिक्षित बेरोजगार युवक एवं युवतियां काफी आशन्वित भी है. जिले में केनरा बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान पिछले पांच सालों से प्रशिक्षण के जरिये पहले लोगों को रोजगार का नजरिया देते हैं.
इसके बाद बैंकों से ऋण मुहैया कराते हैं. सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजनाओं में अब तक तीन हजार दो सौ पांच लोगों को प्रशिक्षण के बाद रोजगार के लिए सेटल कराया गया. रोजगार के इस आंकड़े ने उक्त परिवार के बड़ी संख्या को जीवन में नये अवसर प्रदान किये हैं.
क्या है योजना : केनरा बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के इस योजना में नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है. इस प्रशिक्षण की योजना में ब्युटिशियन सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, अगरबत्ती निर्माण, मुर्गी पालन, बकरी पालन,मशरूम उत्पादन, कंप्यूटर बेसिक, मोबाइल रिपेयरिंग, पेंटिंग समेत अन्य प्रशिक्षण दिये जाते हैं.
इस योजना में अब तक 155 बैच का प्रशिक्षण आयोजित कर 5056 लोगों को प्रशिक्षित किया गया. इस प्रशिक्षण के बाद सभी 3205 लोगों को रोजगार के लिए सेटल किया गया. जिसमें 833 लोगों को बैंक ऋण भी मुहैया कराया गया. इन प्रशिक्षण पाने वाले इन बेरोजगारों को विभिन्न बैंक शाखाओं के जरिये 20 हजार से लेकर 04 लाख रुपये तक का ऋण मुहैया कराया गया.
महिलाएं दिखा रही रुचि : प्रशिक्षण से लेकर लोगों को रोजगार मुहैया कराने वाली इस योजना में जहां महिला स्वरोजगार को फोकस किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर महिलाएं भी इस योजना का जम कर लाभ उठा रही है. योजना के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तब यहां पिछले 155 बैच में 2528 महिलाएं ही प्रशिक्षण में भागीदारी निभा कर रोजगार उन्मुखी योजनाओं का लाभ उठा रही है.
पप्पू ने लगायी बरतन की फैक्टरी :
स्वरोजगार से जुड़े इस प्रशिक्षण का लाभ लेकर शेखपुरा शहर के कमिश्नरी मोहल्ले के पप्पू कुमार ने आज लाखों का कारोबार स्थापित किया. पप्पू ने वर्ष 2010 में प्रशिक्षण प्राप्त किया और प्रधानमंत्री रोजगर सृजन योजना से 4.5 लाख का ऋण प्राप्त कर एल्युमिनियम कड़ाही (बरतन) की फैक्टरी स्थापित की.
इस फैक्टरी के जरिये प्रतिदिन 75 से 100 कड़ाही निर्माण कर बाजार में बेचने का कारोबार खड़ा किया. लाभुक पप्पू ने बताया कि इस महात्वाकांक्षी योजना में तकनीकी और मार्केटिंग के गुर सिखाये गये थे. इसके बाद रोजगार में कामयाबी मिल रही है.