पौरा माउर नहर में उतरा सकरी नदी का पानी
नदी में उफान के बाद भी शेखोपुरसराय के खेतों में दरार कृषकों ने नवादा और शेखपुरा जिला प्रशासन से संयुक्त कार्रवाई की लगायी गुहार शेखोपुरसराय : जिले के पिमी छोर पर बसा शेखोपुरसराय प्रखंड आज सुखाड़ की त्रासदी झेलने को विवश है. यह विवशता प्राकृतिक आपदा के रूप में कम जबकि प्रशासनिक लापरवाही के रूप […]
नदी में उफान के बाद भी शेखोपुरसराय के खेतों में दरार
कृषकों ने नवादा और शेखपुरा जिला प्रशासन से संयुक्त कार्रवाई की लगायी गुहार
शेखोपुरसराय : जिले के पिमी छोर पर बसा शेखोपुरसराय प्रखंड आज सुखाड़ की त्रासदी झेलने को विवश है. यह विवशता प्राकृतिक आपदा के रूप में कम जबकि प्रशासनिक लापरवाही के रूप में ज्यादा देखा जा रहा है. इन दिनों प्रखंड के हजारों एकड़ धान की फसल में दरार पड़ चुका है. इसका मूल कारण नवादा के पौरा गांव के समीप सकरी नदी से जुड़ा विशाल छिलका का शटर अब तक खोला नहीं जा सका. जिसके कारण सकरी नदी में उफान के बाद भी अभी तक पौरा-माउर नहर में पानी नहीं आ सका है. इस नहर के बिहार केसरी डॉ. श्री कृष्ण सिंह के अथक प्रयास के बाद खोदवाया था.
इस बाबत प्रखंड के पनहेसा गांव निवासी मिस्टर जी ने नवादा के संबंधित कनीय अभियंता से दूरभाष पर संपर्क किया तब उन्होंने बताया कि कार्यपालक अभियंता के निर्देश पर एकंगरसराय बाढ़ ड्यूटी में है, जिसके कारण शटर नहीं खोला जा सका. इधर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सकरी नदी उफान पर है.
अगर शटर खोला जाता तो शेखोपुरसराय और बरबीघा के बड़े हिस्से को सुखाड़ की स्थिति से तत्काल राहत मिल जाती. इधर कृषक नागमणी सिंह एवं रिंकु कुमार ने बताया कि पिछले साल भी सुखाड़ की आपदा ने भारी तबाही मचायी थी. इसके पूर्व ओलावृष्टि में भी अधिकांश पीडि़तों को सहायता राशि का लाभ नहीं मिल सका. इसके बाद भी किसानों की कई फजीहतों का सामना कर प्रखंड में 80 प्रतिशत धान रोपनी के लक्ष्य को पूरा किया, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और कम बारिश के कारण धान के खेतों में हरियाली के जगह दरार पड़ने लगी.