नहीं दिया नजराना, तो म्यूटेशन में बता दी सरकारी जमीन

ढाई महीने से म्यूटेशन के लिए अंचल कार्यालय का लगा रहे चक्कर शेखपुरा : जिले के आरटीपीएस में करीब ढाई माह पहले दस कट्ठा जमीन के मोटेशन के लिए आवेदन देने के बाद चक्कर लगा रहे आवेदक से एक लाख रुपये का नजराना मांगने का मामला सामने आया है. चेवाड़ा के लहना गांव की घटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2016 1:45 AM

ढाई महीने से म्यूटेशन के लिए अंचल कार्यालय का लगा रहे चक्कर

शेखपुरा : जिले के आरटीपीएस में करीब ढाई माह पहले दस कट्ठा जमीन के मोटेशन के लिए आवेदन देने के बाद चक्कर लगा रहे आवेदक से एक लाख रुपये का नजराना मांगने का मामला सामने आया है. चेवाड़ा के लहना गांव की घटना में पीड़ित ने अंचलाधिकारी पर मनमानी का आरोप लगा जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग जिलाधिकारी से की है. इस बाबत पीड़ित आजाद कुमार ने बताया कि खाता 243 खसरा 592 के 34 डिसमिल की खरीदगी जमीन का मोटेशन के लिए 13 जुलाई 2016 को आरटीपीएस के माध्यम से आवेदन जमा कराया था.
आवेदन के बाद लंबे समय तक टालमटोल के बाद निष्पादन की अवधि 22 सितंबर भी पार कर गया. इस दौरान टालमटोल के बाद अंचलाधिकारी ने एक लाख रुपये नजराने की मांग की. नजराना नहीं देने पर अंचलाधिकारी ने उक्त जमीन को बिहार सरकार की जमीन करार कर देने की धमकी दी है.
पीड़िता ने बताया कि इसके पूर्व उसी खाता 243 की दस बीघे जमीन का मोटेशन करने की बात कही. तब पीडि़त ने अंचलाधिकारी पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. पीड़ित ने बताया कि चेवाड़ा के अंचलाधिकारी अपने कार्यालय में वसूली के लिए बिचौलियों रखते हैं तथा चेवाड़ा बाजार में भी बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा दिला कर आलीशान मकान भी बनवा रहे हैं. इस मामले में पीड़ित ने न्यायालय में भी
चेवाड़ा अंचलाधिकारी अरविंद कुमार चौधरी के खिलाफ एक लाख रुपये नजराना मांगने और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. इधर अंचलाधिकारी ने बताया कि उक्त मोटेशन के आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया है. गैर मजरूआ मालिक जमीं होने के कारण यह कार्रवाई की गयी है. उन्होंने किसी भी नजराने के आरोप को खारिज किया है.

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