एक से उबरे नहीं, दूसरे ने दी दस्तक

दाल का कटोरा वाला टाल का टूट रहा सपना शेखपुरा : जिले में वर्ष 2016 का साल किसानों के लिए एक के बाद एक चुनौती खड़ी कर रहा है. खास कर घाट कोसुम्भा प्रखंड के कृषकों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा ने पहले तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2016 2:56 AM

दाल का कटोरा वाला टाल का टूट रहा सपना

शेखपुरा : जिले में वर्ष 2016 का साल किसानों के लिए एक के बाद एक चुनौती खड़ी कर रहा है. खास कर घाट कोसुम्भा प्रखंड के कृषकों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा ने पहले तो धान की फसल को बरबाद कर दिया. नदियां में उफान आने से कई लोगों की जानें भी गयी और अब जलस्तर काफी धीरे रफ्तार से कम होने के कारण लोग हलकान है. दरअसल टाल क्षेत्र में समय रबी फसल लगाने का बेहतर समय माना जाता है. लेकिन टाल क्षेत्र अभी भी डूबा हुआ है.
ऐसे में रबी फसल लगाने के मुख्य समय में ही सभी खेत जलमग्न है. ऐसे में किसान हाथ पर हाथ धरे सोचने को मजबूर है कि आखिर करें तो क्या करें.
क्या है स्थिति :
जिले में प्याज की बेहद अच्छी फसलें तो हुई लेकिन कीमतों ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. इसके बाद इस वर्ष खरीफ फसल में भी भारी नुकसान हुआ, जिले में वर्षापात के आंकड़ों पर अगन नजर डाले तब यहां खरीफ फसल के लिए अब तक 989.4 एमएम बारिश होना था. लेकिन यह आंका 997.6 एमएम बारिश का आंकड़ा दर्ज किया गया. इस बारिश से धान फसल को लेकर घाट कोसुम्भा में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा
क्या हुआ नुकसान :
यूं तो जिले में रबी फसल के लिए जिले का लक्ष्य 40900 हेक्टेयर का आच्छान किया जाना है. सामान्यत: रबी फसल की बुआई नवंबर के प्रथम सप्ताह में किया जाना है लेकिन दाल का कटोरा कहे जाने वाले घाट कोसुमभा प्रखंड के लिए रबी लगाने का समय अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में है. यहां रबी फसल के लिए 24 हेक्टेयर दलहन, 21 सौ हेक्टेयर गेहूं, 150 हेक्टेयर मक्का व 159 हेक्टेयर दलहन की फसल लगाना फिलहाल बाधित रहना तय है. जहां तक नुकसान का सवाल है तब बाढ़ के इस त्रासदी में कृषि विभाग ने प्रारंभिक जांच के दौरान 828 हेक्टेयर का है, जबकि सर्वे के बाद यह आंकड़ा सीधे बाइस सौ से अधिक पहुंच गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी :
जिले में रबी फसल को लेकर लक्ष्य के अनुरूप अभी से ही तैयारी पूरी कर ली गयी है. इसके साथ ही घाट कोसुम्भा में लगभग 22 सौ हेक्टेयर से अधिक फसल के नुकसान के आंकड़े का रिपोर्ट सरकार को भेज दिया गया है.
लाल बचन राम, जिला कृषि पदाधिकारी, शेखपुरा

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