ऑपरेटरों को नहीं मिल रहा मानदेय मानदेय की राशि में घपले की बढ़ रहे आसार
शेखपुरा : जिले में फ्लोराइड से दूषित जल स्रोत वाले गांवों में सरकार द्वारा संचालित फ्लोराइड ट्रीटमेंट मिनी जलापूर्ति प्लांट के लिए ऑपरेटरों की बहाली की गयी थी. ऑपरेटरों को बाहल करने की व्यवस्था जलापूर्ति पदार्थों के संचालन कर रहे कई निर्माण कंपनियों के हाथों में था. कंपनी के अधिकारियों ने स्थानीय बेरोजगारों को प्रलोभन […]
शेखपुरा : जिले में फ्लोराइड से दूषित जल स्रोत वाले गांवों में सरकार द्वारा संचालित फ्लोराइड ट्रीटमेंट मिनी जलापूर्ति प्लांट के लिए ऑपरेटरों की बहाली की गयी थी. ऑपरेटरों को बाहल करने की व्यवस्था जलापूर्ति पदार्थों के संचालन कर रहे कई निर्माण कंपनियों के हाथों में था.
कंपनी के अधिकारियों ने स्थानीय बेरोजगारों को प्रलोभन देकर तीन से चार हजार प्रतिमाह मानदेय के आधार पर ऑपरेटरों को बहाल किया था. इस दौरान नवंबर 2011 में बहाल हुए ऑपरेटरों को 18 माह का मानदेय भुगतान किया गया था, लेकिन इसके बाद आज तक ऑपरेटरों का मानदेय भुगतान नहीं किया जा सका.
करीब एक साल पहले एक मुद्दे को लेकर ऑपरेटरों ने कार्यालय के समक्ष हंगामा किया. तब आनन-फानन में विभाग ने जलापूर्ति पंप हाउस के संचालन की जिम्मेवारी खुद संभालने की बात कही, लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि लगातार शिकायतों के बाद भी इन ऑपरेटरों को आज तक मानदेय का भुगतान नहीं किया जा सका.शुरुआती दौर में जब सोलर संचालित पंप हाउस का निर्माण के बाद संचालन की शुरूआत की गयी थी.
उस वक्त वर्ष 2011 में लगभग 30 ऑपरेटरों को बहाल किया गया था. इन ऑपरेटरों को काम लेने का बावजूद कंपनी के द्वारा मानदेय भुगतान नहीं होने की स्थिति में जब आला अधिकारियों को शिकायत की जाती रही तब किसी भी अधिकारी ने इन कर्मियों के साथ हो रहे शोषण का जांच करना मुनासिब नहीं समझा. निर्धारित मानदेय की राशि का भले ही निर्माण कंपनियों ने भुगतान नहीं किया हो,लेकिन विभागीय अधिकारियों ने अपनी निजी स्वार्थ के लिए शिकायत के बावजूद कंपनियों को राशि का धड़ल्ले से भुगतान किया.
ऑपरेटरों ने मानदेय को लेकर विभाग में बड़े घोटाले की आशंका जाहिर की है.
क्या कहते हैं अधिकारी
आपरेटरों के मानदेय से संबंधित मामले की जानकारी नहीं था. इसच मामले की जांच करायी जाएगी. इसके साथ ही नियमानुकूल कार्रवाई किया जायेगा.
निरंजन कुमार झा, डीडीसी शेखपुरा
क्या है मांग
इस बाबत पंप हॉउस पर सालो से कार्यरत ऑपरेटरों में सुनील कुमार,अजित कुमार,उपेंद्र कुमार,शंभू कुमार, किशोरी महतो ने बताया कि एक साल पहले विभाग में इन जलापूर्ति प्लांटों का संचालन और मानदेय भुगतान की जिम्मेवारी खुद संभालने की बात कही थी, लेकिन इसके बाद भी मानदेय भुगतान नहीं किया जा सका. ऑपरेटरों ने जिलाधिकारी से इस मामले में कार्रवाई की मांग किया है.