नोटबंदी के खिलाफ धरना

हिलसा/करायपरसुराय : भाकपा माले के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के खिलाफ शुक्रवार को हिलसा प्रखंड कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना का आयोजन किया. धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड कमेटी सदस्य दिनेश यादव ने किया. धरनार्थियों को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार बात गरीबों का कहती है. परंतु काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2016 7:45 AM

हिलसा/करायपरसुराय : भाकपा माले के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के खिलाफ शुक्रवार को हिलसा प्रखंड कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना का आयोजन किया. धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड कमेटी सदस्य दिनेश यादव ने किया. धरनार्थियों को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार बात गरीबों का कहती है. परंतु काम बड़े बड़े पूंजीपतियों का करता है.

सारे कालेधन को सफेद कर दिया गया. आज रोज करोड़ों नये नोट पकड़े जा रहे है और दूसरी तरफ अपनी गाढ़ी कमाई को जमा करने व निकालने के लिए दिन प्रतिदिन बैंक के सामने कतार में खड़ा है. यह कैसी कालाधन पकड़ने का काम सरकार कर रही है. ये नोट बंदी का काम सरकार बड़े लोग के हित में किया है, जो ग्रामीण, मजदूर, हरियाना, गुजरात, महाराष्ट्र में जा कर काम कर रहे थे, जिससे हाल के दिनों में उनका माली हालत सुधरा था, जो आज नोटबंदी होने से काम के अभाव में अपने अपने गांव में लौट रहे हैं.

जिसे लगता है कि गरीबों की हालात और बद से बदतर होने वाला है. वहीं सूबे में आज हत्या, अपहरण, लूट, डकैती में वृद्धि हुई है. वहीं नीतीश बाबू शराबबंदी का ही माला जपने में लगे हुए है. नालंदा में ही एक महीने में आधा दर्जन हत्या हो चुकी है. अपराधी बेलगाम हो गया है. नेताओं ने कहा चाहे केंद्र की सरकार नरेन्द्र मोदी हो या बिहार के नीतीश कुमार ये दोनों गरीब किसान विरोधी है. इसी प्रकार भाकपा माले के द्वारा करायपरसुराय प्रखंड कार्यालय के समक्ष नोटबंदी के खिलाफ धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया.

माले के प्रखंड सचिव राजवली शर्मा ने कहा कि नोटबंदी में आज गरीबों, मजदूरों, महिलाओं और किसानों को अपने जरूरी काम के लिए भी पैसे पैसे को मोहताज होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कालेधन वालो और कारपोरेट घरानों के हित में काम कर रहा है. इस मौके पर हिलसा में जय प्रकाश पासवान, चुन्नु चंद्रवंशी, कम्मु राम, कलेन्द्र पासवान, बखोरी पासवान, संजय पासवान, उमेश जमादार आदि कार्यकर्ता रहे.

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