साहित्य समाज का आईना : जितेंद्र

आयोजन. मगही- हिंदी कवि सम्मेलन में जिलों के कवि हुए शामिल भाव की रचनाओं से रात भर झूमते रहे दर्शक घाटकोसुम्भा : साहित्य समाज का आईना होता है और साहित्यकार समाज की समस्याओं कुरीतियों यहां तक की गौरवशाली कथाओं को अपने सृजन के माध्यम से प्रकाशित करते हैं. उक्त बातें प्रख्यात समाजसेवी और समाजवादी नेता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2017 12:43 AM

आयोजन. मगही- हिंदी कवि सम्मेलन में जिलों के कवि हुए शामिल

भाव की रचनाओं से रात भर झूमते रहे दर्शक
घाटकोसुम्भा : साहित्य समाज का आईना होता है और साहित्यकार समाज की समस्याओं कुरीतियों यहां तक की गौरवशाली कथाओं को अपने सृजन के माध्यम से प्रकाशित करते हैं. उक्त बातें प्रख्यात समाजसेवी और समाजवादी नेता जितेंद्रनाथ में दिह कुसुंभा गांव में आयोजित राज्य स्तरीय हिंदी मगही कवि सम्मेलन के शुभारंभ के दौरान उपस्थित सैकड़ों दर्शकों के बीच अपने संबोधन में कही.
सम्मेलन का शुभारंभ मगही कवि एवं मगही भाषा अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा, मगध विश्वविद्यालय के मगही विभागाध्यक्ष डॉक्टर भरत;
श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिला महासचिव नवीन कुमार; सुपरस्टार साहित्य संगम के पदाधिकारियों के द्वारा किया गया. गांव के बाड़ो महतो स्मृति मंच के तत्वावधान में आयोजित इस कवि सम्मेलन में कुशवाहा कृष्ण अनिल आनंद सत्येंद्र शर्मा बृजेश कुमार सुमन जितेंद्र नाथ डॉक्टर रामविलास अजय कुमार बटोही ओम प्रकाश पांडे कवियत्री ममता पांडे ज्योतिष कुमार गणनायक मिश्र आचार्य गोपाल भगवान दास अभय कुमार विद्रोही नरेंद्र सिंह बेधड़क जयराम दिवस पूरी बृजेश कुमार सुमन आदि कई प्रतिष्ठित कवि ने हिस्सा लिया. श्रृंगार राष्ट्रभक्ति हास्य व्यंग जीवन दर्शन आदि भावनाओं से ओत-प्रोत कई मनमोहक प्रस्तुतियां से देर रात तक उपस्थित सैकड़ों दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया गया. समारोह का संचालन युवा कवि पत्रकार गणनायक मिश्र ने किया जिनकी गाई ग़ज़ल कर्ज में है मिली जिंदगी जो तुम्हें इसको यूं ही नहीं तुम जाया करो तथा अगर तू गौर फरमाएं तो हाल-ए-दिल सुनाएं हम को बहुत सराहना मिली .जबकि ममता पांडे की मार्मिक कविता भ्रूण हत्या विषय पर लोगों को जबरदस्त तालियां बजानी पड़ी.
उदय शंकर शर्मा बेशर्मी की बिहार राज्य की गौरव गाथा पर आधारित मगही गीत सुजनी सीताराम पांडे तथा नरेंद्र सिंह बेधड़क के सामाजिक कटाक्ष जयराम दिवस पूरी की सरकारी व्यवस्था पर चोट और बृजेश कुमार सुमन के सैन्य की वीरगाथा पर लोग घूमने को विवश हो उठे. ओम प्रकाश पांडे अभय कुमार सत्यदेव कुमार कुशवाहा कृष्ण आदि की रचनाओं ने भी खूब प्रशंसा बटोरी. कार्यक्रम के आरंभ में अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र देकर आयोजक के द्वारा सभी कवियों को सम्मानित किया गया. मगही अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा बेशर्मी के द्वारा क्षेत्र के सभी शिक्षित एवं सामाजिक व्यक्तियों से मगही के उत्थान एवं प्रचार प्रसार के लिए इसे दैनिक जीवन की आम भाषा बनाने का आवाहन किया गया.

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