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शेखपुरा सदर अस्पताल में 5000 रुपये नजराना नहीं देने पर गर्भवती की मौत, परिजनों ने मचाया हंगामा

शेखपुरा में एक गर्भवती महिला की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है की स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा 5000 रुपये की डिमांड की गई थी

Bihar News : शेखपुरा के सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही के कारण प्रसव के दौरान एक गर्भवती महिला की मौत हो गयी. आरोप है कि पांच हजार रुपये नजराना नहीं देने के कारण सदर अस्पताल की महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने गर्भवती महिला के गर्भ में मृत बच्चे का सिजेरियन ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला की स्वास्थ्य कर्मियों ने एक न सुनी और उसे प्रसव कक्ष से बाहर निकाल दिया. करीब 4 घंटे तक चले इस घटनाक्रम में आखिरकार गर्भवती महिला की भी मौत हो गई.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सदर अस्पताल किया गया रेफर

मृतक महिला की पहचान अरियरी थाना क्षेत्र के लालू बिगहा निवासी मनोज प्रसाद की 40 वर्षीय पत्नी पुतुल देवी के रूप में की गयी है. महिला के परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रसव पीड़ा के बाद महिला को रात 12:00 बजे अरियरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. लेकिन वहां एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे. आशा कार्यकर्ता भी लगातार फोन करने पर मोबाइल रिसीव नहीं कर रही थी. महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने स्थिति को भांपते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल शेखपुरा रेफर कर दिया.

5,000 नजराना मांगे जाने का आरोप

सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों ने गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को मृत घोषित कर दिया और सिजेरियन करने की सलाह दी. साथ ही इस दौरान नजराने के रूप में 5,000 रुपये नकद जमा करने की भी बात कही. हालांकि, गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा से तड़पता देख परिजन भी दो हजार रुपये देने को तैयार हो गये. परिजनों ने महिला स्वास्थ्यकर्मियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी रकम जमा नहीं करने पर सिजेरियन नहीं किया गया, साथ ही पीडिता को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया.

पीडिता के परिजनों ने किया हंगामा

इस घटना के बाद महिला के परिवार ने नाराजगी जताते हुए जमकर हंगामा किया. उन्होंने कहा कि शेखपुरा में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. मृतक महिला के पति ने कहा कि अगर उसकी पत्नी को समय पर इलाज मिल जाता तो शायद उसकी जान बच जाती.

इस घटना को लेकर सदर अस्पताल उपाधीक्षक नौशाद आलम और सिविल सर्जन संजय कुमार सिंह ने अन्य अधिकारियों से फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी अधिकारी फोन तक रिसीव नहीं कर सका.

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