केके पाठक को शिक्षा विभाग से हटाने की मांग, शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने कहा- छुट्टी रद्द करने का आदेश वापस हो
शिक्षा विभाग द्वारा बिहार के स्कूलों में छुट्टियों की कटौती के फैसले पर सियासत गर्म है. विपक्षी दल तो सरकार पर हमलावर थे. अब शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने भी केके पाठक को शिक्षा विभाग से हटाने की मांग कर दी है.
बिहार के सरकारी स्कूलों में छुट्टियों की कटौती के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है. छुट्टी रद्द करने के मुद्दे पर भाजपा तो सरकार पर हमलावर थी ही. अब सत्ताधारी दल ने भी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. महागठबंधन सरकार में शामिल भाकपा माले से विधायक डॉ संदीप सौरभ ने शिक्षा विभाग के फैसले पर आपत्ति जताई है. उन्होंने केके पाठक को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद से हटाने की मांग कर दी है.
केके पाठक के तबादले की मांग
बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के तबादले की मांग की है. मोर्चा के संरक्षक व पालीगंज के विधायक डॉ संदीप सौरभ ने शनिवार को कहा कि शिक्षकों की दशकों से चली आ रही पर्व त्योहार के घोषित अवकाश को मनमाने तरीके से समाप्त कर दिया गया है, जबकि घोषित 60 दिनों के अवकाश एवं 52 रविवार अवकाश के बावजूद 253 दिनों का कार्य दिवस होता है.
छुट्टियां रद्द करने का आदेश वापस लेने की मांग
डॉ संदीप सौरभ ने शिक्षा विभाग के फैसले पर नाराजगी जताते हुए सरकार से रद्द छुट्टियों पर फिर से विचार करने को कहा है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द छुट्टियां रद्द करने का आदेश वापस ले. उन्होंने केके पाठक पर शिक्षकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया और उनके तबादले की मांग की है.
नियोजित शिक्षकों की लंबित मांगों पर आश्वासन के सीएम को दिया धन्यवाद
बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संरक्षक व पालीगंज के विधायक डॉ संदीप सौरभ ने इसके साथ ही बिना शर्त राज्यकर्मी बनाये जाने को लेकर नियोजित शिक्षकों की लंबित मांगों को पर की गयी घोषणा व आश्वासन के लिए बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा की तरफ से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है.
जल्द से जल्द बिना शर्त शिक्षकों को राज्यकर्मी घोषित करने की मांग
राज्य सरकार से अपील करते हुए उन्होंने की गयी घोषणा व आश्वासन को पूरा कर सभी नियोजित शिक्षकों को जल्द से जल्द बिना शर्त राज्यकर्मी घोषित करने का आग्रह किया है. इसके साथ ही सभी शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण की व्यवस्था करने की भी मांग की है. वहीं 11 जुलाई 2023 को शांतिपूर्ण धरना में शामिल शिक्षकों के ऊपर विभाग द्वारा की गयी कार्रवाई को अविलंब वापस लेने का भी आग्रह किया है.
अपर मुख्य सचिव के खिलाफ शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
इधर, केके पाठक के आदेश के बाद से शिक्षकों में रोष व्याप्त है. नालंदा जिला के परवलपुर प्रखंड के सैकड़ों शिक्षकों ने शनिवार को एक साथ जमा होकर अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा जारी आदेश की प्रतियां जलाकर नारेबाजी की और अपना विरोध प्रकट किया. इसके साथ ही शिक्षकों ने केके पाठक के खिलाफ आंदोलन की भी चेतावनी दी है.
क्या बोलें शिक्षक…
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शिक्षक मुकेश कुमार ने कहा कि विभाग के द्वारा कटौती इस कदर की गई है कि रक्षाबंधन, जितिया, कृष्ण जन्माष्टमी पर विद्यालय खुले रहेंगे, वहीं दीपावली की दो छुट्टी को हटाकर एक दिन कर दिया गया है, जबकि छठ में मिलने वाली चार छुट्टी को घटाकर मात्र दो कर दी गयी है, इससे शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है.
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शिक्षक उपेंद्र कुमार ने कहा कि अभी दो दिन पर पहले रक्षाबंधन पर भी विद्यालय खुला था. शिक्षक तो उपस्थित हुए लेकिन बच्चे नदारत थे. ऐसे आदेश निकालने से पहले सरकार इस पर अमल करना चाहिए कि क्या यह उचित है.
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शिक्षक मो अयजिद्दीन अंसारी ने कहा कि सरकार जिस आरटीई 2009 का तर्क देकर हम शिक्षकों का छुट्टी काटा गया है वो बिलकुल बेबुनियाद है.
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शिक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि नियम के मुताबिक साल में विद्यालय 220 दिन खुले होने चाहिए, जो हो रहा था , लेकिन सरकार ने शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के उद्देश्य से हम शिक्षकों का छुट्टी काटी है.
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शिक्षिका फरहत जमीं बताती है कि अपर मुख्य सचिव ने न हिंदू आस्थाओं पर कुराघाट किया है अपितु मुस्लिम आस्थाओं पर भी कुराघाट करते हुए धार्मिक भावनाओं और परंपराओं के साथ खिलवाड़ किया है.
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शिक्षक प्रेम प्रकाश ने कहा कि केके पाठक आनन फानन में लगातार पत्र निर्गत कर रहे है लेकिन जमीन पर उसकी वास्तविकता नहीं दिखाई देती है, सरकार को ऐसे पदाधिकारी को अविलंब हटाना चाहिए.
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आदर्श मध्य विद्यालय परवलपुर के एचएम अरविंद रजक ने कहा कि न सिर्फ शिक्षकों नहीं बल्कि हम प्रधानाध्यापक भी ऐसे पदाधिकारी से परेशान है. पहले 9 से 4 विद्यालय में कार्य करना पड़ता है, फिर 04 से 06 वीसी करना पड़ता है. सारा का सारा दिन इसी में व्यतीत हो जाता है. हम अपने लिए और अपने परिवार के लिए बिल्कुल समय नहीं निकाल पाते है.
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प्रधानाध्यापक ओंकार कुमार बताते है कि सीधे तौर पर हम सभी का शोषण किया जाता है और दिन भर रिपोर्टिंग करने को कहा जाता है.
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शिक्षक सुबोध कुमार सुमन ने कहा कि अगर जल्द ही मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव को नही हटाया तो इसका सीधा परिणाम सरकार को चुनाव में अपनी हार के रूप में देखना पड़ेगा. बिहार के 4 लाख शिक्षक और उनके परिवार इस महगठबंधन के खिलाफ वोटिंग करेंगे.