शिवानंद तिवारी ने दी सोनिया गांधी को पुत्र मोह त्यागने की सलाह, तो कांग्रेस ने कहा – भाजपा में जाने की राह बना रहे राजद नेता

दरअसल कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की बैठक बुलायी है. उससे पहले शिवानंद तिवारी ने ये बयान जारी किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 19, 2020 10:17 AM
an image

पटना. राजद के उपाध्यक्ष पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा है कि राहुल गांधी से अब देश चलने वाला नहीं है. सोनिया गांधी को पुत्र मोह छोड़ कर लोकतंत्र बचाने की पहल करनी चाहिए. राजद नेता के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कांग्रेस नेता प्रेमंचद्र मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि शिवानंद तिवारी भाजपा में जाने का अवसर खोज रहे है. इसलिए वो राजद में रहकर भाजपा की भाषा बोल रहे हैं. तेजस्वी यादव उनपर सख्त कार्रवाई करें.

कांग्रेस नेता ने कहा कि तिवारी अनर्गल, अनुचित और उकसाने वाला बयान दे रहे हैं. कांग्रेस इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. कांग्रेस के प्रवक्ता और विधान पार्षद श्री मिश्र ने तेजस्वी से आग्रह करते हुए कहा कि ऐसे सहयोगी पार्टी से इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती हैं.

राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने अपने हालिया बयान में सोनिया गांधी से अपील करते हुए कहा है कि सोनिया जी, पुत्र मोह छोड़िये और लोकतंत्र को बचाइये. आपके बेटे से देश तो छोड़िये कांग्रेस भी चलने वाली नहीं है.

दरअसल कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की बैठक बुलायी है. उससे पहले शिवानंद तिवारी ने ये बयान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी की बैठक होने जा रही है. पता नहीं उस बैठक का नतीजा क्या निकलेगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि कांग्रेस की हालत बिना पतवार के नाव की तरह हो गयी है. कोई इसका खेवनहार नहीं है. वैसे भी यह स्पष्ट हो चुका है कि राहुल गांधी में लोगों को उत्साहित करने की क्षमता नहीं है.

शिवानंद तिवारी ने अपने बयान में कहा है कि खराब स्वास्थ्य के बावजूद बहुत ही मजबूरी में सोनिया जी कामचलाऊ अध्यक्ष के रूप में किसी तरह पार्टी को खींच रही हैं. मैं उनकी इज्जत करता हूं. मुझे याद है सीताराम केसरी के जमाने में पार्टी किस तरह डूबती जा रही थी. वैसी हालत में उन्होंने कांग्रेस पार्टी का कमान संभाला था और पार्टी को सत्ता में पहुंचा दिया था.

हालांकि उनके विदेशी मूल को लेकर काफी बवाल हुआ था. भाजपा की बात छोड़ दीजिए, कांग्रेस पार्टी में भी उनके नेतृत्व को लेकर गंभीर संदेह व्यक्त किया गया था. हालांकि 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिला बहुमत सोनिया जी के ही नेतृत्व में मिला था. इसलिये सोनिया जी ही प्रधानमंत्री की कुर्सी की स्वभाविक अधिकारी थीं, लेकिन उनका प्रधानमंत्री नहीं बनना असाधारण कदम था. उसी कुर्सी के लिए हमारे देश के दो बड़े नेताओं ने क्या-क्या नाटक किया था, हमारे जेहन में है.

शिवानंद तिवारी ने आगे लिखा है कि मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने के लिए समर्थन मांगने सोनिया गांधी लालू यादव के दिल्ली स्थित घर पर पहुंची थी. संयोग से उस समय वे भी वहां मौजूद थे. शिवानंद तिवारी ने कहा है कि उन्हें सोनिया गांधी को वहां बहुत नजदीक से देखने का अवसर उस दिन मिला था. प्रधानमंत्री की कुर्सी त्याग कर आई थीं. उस दिन का उनका चेहरा मुझे आज तक स्मरण है. उनके चेहरे पर आभा थी. अद्भुत शांति उनके चेहरे पर थी. लालू जी ने मेरा उनसे परिचय कराया. मैंने बहुत ही श्रद्धा के साथ उनको प्रणाम किया था.

शिवानंद तिवारी ने कहा है कि आज उन्हीं सोनिया जी के सामने एक यक्ष प्रश्न है. ‘पार्टी या पुत्र’ ? या यूं कहिए कि ‘पुत्र या लोकतंत्र’? कांग्रेस पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. वे नहीं जानते कि उनकी बात सोनिया गांधी तक पहुंचेगी या नहीं. लेकिन देश के समक्ष जिस तरह का संकट दिखाई दे रहा है, वही उन्हें ये बात कहने को मजबूर कर रहा है.

शिवानंद तिवारी ने कहा है कि वे सोनिया गांधी से नम्रता पूर्वक अपील कर रहे हैं कि जिस तरह से उन्होंने प्रधानमंत्री की कुर्सी का मोह त्याग कर कांग्रेस को बचाया था. आज उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि पुत्र मोह त्याग कर देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए कदम बढ़ायें.

शिवानंद तिवारी ने कहा है कि संभव है के वे जिस पार्टी में हैं, उसका नेतृत्व उनकी इस बात को पसंद नहीं करें. लेकिन अब वे किसी के पसंद और नापसंद से ज्यादा अहमियत अपनी आत्मा के आवाज को देते हैं. और उसी की आवाज सुनकर ये कह रहे हैं. कांग्रेस आज के दिन भी क्षेत्रीय पार्टियों से ऊपर है. कई राज्यों में वही भाजपा के आमने सामने है. इसलिए वह जनता की नजरों में विश्वसनीय बने, मौजूदा सत्ता का विकल्प बने, य़ह लोकतंत्र को और देश की एकता को बचाने के लिए जरूरी है.

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद भी शिवानंद तिवारी ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि जब बिहार में चुनाव अपने चरम पर था, तब राहुल गांधी प्रियंका गांधी के साथ शिमला में पिकनिक मना रहे थे. क्या पार्टी ऐसे चलती है? कांग्रेस जिस तरह से चुनाव लड़ रही है, उससे भाजपा को ही फायदा पहुंचा रही है. कांग्रेस ने बिहार में 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन 70 रैलियां भी नहीं की. जो लोग बिहार को जानते नहीं थे, उनके हाथ में प्रचार की कमान थी. राहुल गांधी तीन दिन के लिए आए जबकि प्रियंका गांधी तो आईं भी नहीं.

Posted by Ashish Jha

Exit mobile version