मानहानि मामले में शिवानंद तिवारी को 1 साल की कैद, 10 हजार का लगा जुर्माना
ये मामला 2018 का है. संजय झा ने कोर्ट में केस दर्ज कराया था कि शिवानंद तिवारी ने उनके खिलाफ बेहद आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है और गंदे आरोप लगाये हैं. संजय झा ने शिवानंद तिवारी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था.
पटना. मंगलवार को एमपी-एमएलए की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सारिका बहालिया की अदालत में मानहानिकारक वक्तव्य देने के मामले में राजद नेता शिवानंद तिवारी को एक वर्ष की सजा सुनायी गयी. सजा के साथ एक लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है. दिलचस्प बात ये है कि शिवानंद तिवारी पर ये मुकदमा जेडीयू कोटे से राज्य सरकार में मंत्री संजय कुमार झा ने किया था. ये मामला 2018 का है. संजय झा ने कोर्ट में केस दर्ज कराया था कि शिवानंद तिवारी ने उनके खिलाफ बेहद आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है और गंदे आरोप लगाये हैं. संजय झा ने शिवानंद तिवारी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. कोर्ट ने इस पूरे मामले की सुनवाई के बाद शिवानंद तिवारी को दोषी माना और उन्हें आज सजा सुनायी. ये उन दो पार्टियों के नेताओं के बीच का मामला है जो सत्ता में साझीदार हैं.
भादवि की धारा 500 में दोषी पाये गये शिवानंद तिवारी
मामला परिवादी संजय कुमार झा द्वारा 15 सितंबर 2018 को शिवानंद तिवारी के खिलाफ परिवाद पत्र संख्या 39 59 (सी)/18 दर्ज कर यह आरोप लगाया था कि शिवानंद तिवारी ने 7 अगस्त 2018 को एक संवाददाता सम्मेलन में परिवादी और नीतीश कुमार के संबंधों को लेकर एक मानहानिकारक वक्तव्य दिया था, जिससे संजय कुमार झा के चाहने वाले व जानने वालों के बीच उनके मान व प्रतिष्ठता धूमिल हूई है. अदालत में इस मामले में 16 सितंबर 2019 को भादवि की धारा 500 में संज्ञान लिया था. 17 अप्रैल 2023 को शिवानंद तिवारी ने अपना 313 का बयान दर्ज कराया था. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने शिवानंद तिवारी को भादवि की धारा 500 में दोषी पाते हुए उपरोक्त सजा दिया. बाद में बंधपत्र दाखिल करने पर शिवानंद तिवारी को विशेष कोर्ट ने औपबंधिक जमानत दे दी.
फिलहाल मिली 30 दिनों की औपबंधिक जमानत
संजय झा के वकील मधुकर आनंद ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि राजद नेता शिवानंद तिवारी को एक साल की कैद और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनायी गयी है. कोर्ट ने फिलहाल उन्हें 30 दिन की औपबंधिक जमानत दी है, ताकि वे ऊपर के कोर्ट में अपील कर सकें. पटना में एमपी-एमएलए मामले के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी ने शिवानंद तिवारी को ये सजा सुनायी है. शिवानंद तिवारी ने जब संजय झा के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था तब जेडीयू और बीजेपी साथ थे और राजद विपक्ष में था. बाद में राजद और जेडीयू का गठबंधन हो गया, लेकिन संजय झा ने अपने केस में समझौता नहीं किया. आखिरकार आज कोर्ट ने शिवानंद तिवारी को सजा सुना दी. कोर्ट ने कहा कि शिवानंद तिवारी के बयान से संजय झा की प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचा है. संजय झा के सम्मान को हानि पहुंची और लोगों की नजर में उनकी इज्जत को बट्टा लगा है.