एशियन गेम में गोल्ड लेनेवाले बक्सर के शिवनाथ को नहीं मिली पहचान, जापान से मिला था नागरिकता का प्रस्ताव
1974 के तेहरान एशियन गेम में पांच हजार मीटर रेस में गोल्ड मेडल समेत कई पदक लेनेवाले बक्सर से सात किलोमीटर मझरिया गांव के शिवनाथ सिंह को अपने प्रदेश में ही पहचान नहीं मिली. शिवनाथ सिंह ने 1973 के फिलिपिंस एथेलेटिक्स में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था.
बक्सर. 1974 के तेहरान एशियन गेम में पांच हजार मीटर रेस में गोल्ड मेडल समेत कई पदक लेनेवाले बक्सर से सात किलोमीटर मझरिया गांव के शिवनाथ सिंह को अपने प्रदेश में ही पहचान नहीं मिली. शिवनाथ सिंह ने 1973 के फिलिपिंस एथेलेटिक्स में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था.
1975 में इन्हें अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया था. वहीं 1978 में 16वीं अखिल भारतीय खुली प्रतियोगिता की मैराथन दौड़ को दो घंटा 12 मिनट में पूरा कर एशिया में रिकार्ड बनाया था. 1976 के मोंट्रिल ओलंपिक मैराथन (42 किलोमीटर) में 11वां स्थान प्राप्त किया था.
1975 में इंडो-जपान दौड़ में इनकी प्रतिभा को देखते हुए जापान की सरकार ने जापान की नागरिकता देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था. वहीं, 2020 से इनकी जयंती पर असम और हिमाचल प्रदेश की सरकार रनर्स डे मना रही है. शिवनाथ सिंह का जन्म 11 जुलाई, 1946 को मझरिया के एक किसान परिवार में हुआ था.
बायोपिक बनाना चाहते हैं डायरेक्टर मिलिंद सोमन
बॉलीवुड के डायरेक्टर और एक्टर मिलिंद सोमन ने एक इंटरव्यू में पूछा गया कि आप किस विषय पर फिल्म बनाना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा कि बिहार के रहने वाले धावक शिवनाथ सिंह के जीवन पर फिल्म बनाने की इच्छा है. वे आगे इस पर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि शिवनाथ सिंह दुनिया में अपना स्थान बनाया है. यह हम सभी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
Posted by Ashish Jha