पटना. विधानसभा मार्च के दौरान हुए लाठीचार्ज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेताओं की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की एसआईटी सीबीआई से जांच करने की मांग को भी नामंजूर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर कहा कि आप पहले पटना हाईकोर्ट जाएं और वहां याचिका दायर करें, उसके बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. दरअसल, भाजपा कार्यकर्ता भूपेश नारायण ने इस मामले में 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद 25 जुलाई को इस मामले की पहली सुनवाई हुई थी.
आप पहले पटना हाईकोर्ट जाएं
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपंकर दत्ता की बेंच ने याचिकाकर्ता को आदेश देते हुए कहा कि आप पहले पटना हाईकोर्ट जाएं और इस मामले में याचिका दायर करें. फिलहाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई नहीं करेगी. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाकर्ता ने याचिकाकर्ता को पटना हाईकोर्ट जाने को कहा है. पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय संवैधानिक अदालते हैं. संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उनकी शक्ति बहुत अधिक है. अगर उन्हें लगता है कि स्थानीय पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही है तो स्थानीय उच्च न्यायालय होने के नाते वे निगरानी कर सकते हैं. साथ ही सक्षम अधिकारियों के साथ एसआईटी का गठन कर सकते हैं.
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सीबीआई से जांच की मांग भी खारिज
इस याचिका में पूरे मामले की CBI या SIT से जांच की मांग की गई थी. साथ ही साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को इस मामले में पक्षकार बनाया था. इतना ही नहीं मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की गयी थी. आज इस मामले में सुनवाई की तारीख तय की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई से ही इनकार कर दिया.
विधानसभा घेराव के लिए निकले थे
दरअसल, 13 जुलाई को भाजपा नेता विधानसभा घेराव के लिए निकले थे. यह लोग तेजस्वी यादव से इस्तीफा शिक्षकों को राज्य करने का दर्जा देने और रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे थे. इसी दौरान डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने इन लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया. इसमें सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल समेत कई नेताओं को चोट लगी थी. वहीं भगदड़ में बीजेपी के जहानाबाद जिला महामंत्री विजय सिंह की मौत हो गई.
मौत की वजह हार्टअटैक बताई गई
प्रशासन की रिपोर्ट में मौत की वजह हार्टअटैक बताई गई है. प्रशासन का कहना कि उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं मिला है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हृदय गति रुक जाना मौत का कारण बताया गया है. लाठीचार्ज को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चार सदस्यीय जांच कमेटी भी बनाई थी, जो अपनी रिपोर्ट सौंप दी हैं.
संसद में भी उठी मांग
लाठी चार्ज में घायल हुए सांसद जनार्दन सिंह सिग्रिवाल ने संसद के मानसून सत्र में इस पर कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने आगे कहा था कि यह सांसद के विशेधिकार हनन का मामला बनता है. उन्होंने लोक सभा अध्यक्ष से मुलाकात कर सारे मामले की जानकारी दी है और वे आज ही विशेषाधिकार का नोटिस देकर राज्य के पुलिस मुखिया सहित अन्य जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे.