उपचुनाव से ठीक पहले राजद को झटका, 17 को सलीम परवेज की होगी जदयू में घर वापसी
राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष और बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज का राजद से मोहभंग हो गया है. उनकी घर वापसी होने जा रही है. वो जदयू का दामन थामने जा रहे हैं.
छपरा. राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष और बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज का राजद से मोहभंग हो गया है. उनकी घर वापसी होने जा रही है. वो जदयू का दामन थामने जा रहे हैं. सलीम परवेज 17 अक्टूबर को जदयू की सदस्यता लेंगे. सलीम परवेज राजद में बड़ा मुस्लिम चेहरा माने जाते थे.
23 अक्टूबर 2018 को उन्होंने जदयू छोड़ कर राजद की सदस्यता ली थी, लेकिन पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके सम्मान के सवाल पर उन्होंने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
साल के मई महीने में सलीम परवेज ने इस्तीफा देते वक्त कहा था कि डॉ शहाबुद्दीन राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापकों में से रहे हैं. उन्होंने न केवल पार्टी के गठन में भूमिका निभाई, बल्कि लालू और राबड़ी के नेतृत्व में बिहार में स्थापित होने वाली सरकारों के गठन में विपरीत परिस्थितियों में भी सक्रिय व महत्वपूर्ण रोल अदा की.
राजद के एमवाई समीकरण के आधार को एकजुट करने में वे एक महत्वपूर्ण कड़ी थे. व्यक्तिगत तौर पर उन्होंने कभी धर्म के आधार पर राजनीति नहीं की और न कभी उसका समर्थन किया.
सलीम परवेज़ ने कहा कि माले- नक्सल आदि शक्तियों का विरोध और मजबूरों की रक्षा के लिए सदा डॉ शहाबुद्दीन चट्टान की तरह खड़े रहे. तमाम राजनीतिक विरोधों और विवादों के बावजूद उनकी छवि रॉबिनहुड की रही. उन्होंने अपना संपूर्ण राजनैतिक जीवन राजद को सींचने में अर्पित कर दिया.
सलीम परवेज ने उस वक्त अपने बयान में कहा था कि डॉ. शहाबुद्दीन से मेरा व्यक्तिगत संबंध था. वे न केवल मेरे अच्छे मित्र व भाई समान थे बल्कि मेरी उनसे काफी अंतरंगता रही. शहाबुद्दीन के बीमार पड़ने से लेकर मौत की घटनाओं के बीच पार्टी के किसी भी नेता का बयान तक नहीं आऩे को उन्होंने निराशा पूर्ण बताया था.
इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा था कि पार्टी इस रवैये से दुखी व मर्माहत होकर विरोध स्वरुप अपने प्रदेश उपाध्यक्ष के पद व प्राथमिक सदस्यता से तत्काल इस्तीफा दे रहा हूं. उन्होंने शहाबुद्दीन के निधन के जांच की मांग भी की थी.
Posted by Ashish Jha