बिहार के बंदोबस्त कार्यालयों में कर्मचारियों की कमी होगी दूर, बेल्ट्राॅन को मिली नियुक्ति की जिम्मेदारी

जमीन के विशेष सर्वे के दूसरे चरण के लिए स्थापना और संसाधनों की कमी को जल्द पूरा करने की कवायद तेज हो गयी है. निदेशक भू- अभिलेख एवं परिमाप जय सिंह ने राज्य के सहायक निदेशक भू -अभिलेख को आॅपरेटरों की नियुक्ति बेल्ट्राॅन के माध्यम से कराने के निर्देश दिये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 7, 2022 7:53 AM

पटना. जमीन के विशेष सर्वे के दूसरे चरण के लिए स्थापना और संसाधनों की कमी को जल्द पूरा करने की कवायद तेज हो गयी है. निदेशक भू- अभिलेख एवं परिमाप जय सिंह ने राज्य के सहायक निदेशक भू -अभिलेख को आॅपरेटरों की नियुक्ति बेल्ट्राॅन के माध्यम से कराने के निर्देश दिये हैं. जिन 18 जिलों में विशेष सर्वेक्षण होना है वहां के डीएम को भी पत्र लिखा है.

विशेष सर्वेक्षण की आधारभूत संरचना को लेकर बैठक

बंदोबस्त पदाधिकारी की जिम्मेदारी भी समाहर्ता पर है. निदेशक भू -अभिलेख एवं परिमाप की अध्यक्षता में पिछले महीने भोजपुर, बक्सर, कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास, गया, नवादा, पटना, भागलपुर, समस्तीपुर, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, सीवान, सारण, गोपालगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और वैशाली में दूसरे चरण के विशेष सर्वेक्षण की आधारभूत संरचना को लेकर बैठक हुई थी.

कई जिलों में स्वतंत्र रूप से बंदोबस्त कार्यालय नहीं

कई जिलों में स्वतंत्र रूप से बंदोबस्त कार्यालय नहीं हैं. लिपिक, आॅपरेटर व परिचारी का पदस्थापन तक नहीं हुआ है. निदेशक ने सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों स्वतंत्र रूप से बंदोबस्त कार्यालय के लिए स्थान उपलब्ध करा कर उसके संचालन के लिए अलग से निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी नियुक्त करने को कहा है.

जिलों में सर्वे के लिए

  1. कर्मचारी पदस्थापित 18

  2. उच्चवर्गीय लिपिक 12

  3. निम्नवर्गीय लिपिक 09

  4. डाटा एंट्री ऑपरेटर 06

  5. कार्यालय परिचारी 09

एडीएम राजस्व होंगे जिला पर्षद के सीइओ

पटना. राज्य के सभी जिलों में जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अब जिलों में तैनात एडीएम राजस्व या अपर समाहर्ता होंगे. सरकार ने इन्हें सभी जिलों में जिला पर्षद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है.

अब तक उप विकास आयुक्त होते थे

अब तक जिला पर्षद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी उप विकास आयुक्त होते रहे हैं. कई जिलों में नये आइएएस अधिकारियों को उप विकास आयुक्त के रूप में तैनाती की जाती रही है. ऐसे में कई जगहों पर वित्तीय कामकाज को लेकर दिक्कतें आ रही थीं.

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