अनुपम कुमार, पटना. पटना एयरपोर्ट से उड़ने वाले शेडयूल्ड फ्लाइटों की संख्या 60 जोड़ी है, लेकिन यहां से केवल 35 से 40 जोड़ी फ्लाइट उड़ रही हैं. 21 और 22 अगस्त को रद्द रहने वाले विमानों की संख्या 22 जोड़ी रही और महज 38 जोड़ी फ्लाइटें उड़ीं. अधिकतर फ्लाइटों के नहीं उड़ने की वजह यात्रियों की कमी है. हालांकि, इसकी वजह औपचारिक रूप में ऑपरेशनल या विमानों की कमी बताया जा रहा है.
यात्रियों की संख्या जो 12 से 15 हजार के बीच हुआ करती थी, अब घट कर सिर्फ आठ से 10 हजार रह गयी है. इससे एक ही जगह जाने वाली दो फ्लाइटों को मर्जकिया जा रहा है.
तिथि यात्री आये यात्री गये विमान (जोड़ी में )
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22 अगस्त 3997 5144 35
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21 अगस्त 4726 5576 37
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20 अगस्त 3648 5158 33
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19 अगस्त 4346 4913 35
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18 अगस्त 3660 4326 30
व्यस्त सीजन की तुलना में यात्रियों की सबसे अधिक कमी पटना-दिल्ली रुट में है. यही वजह है कि इस रुट की फ्लाइटें सबसे अधिक कैंसिल हो रही हैं. 21 अगस्त को इस रुट की 22 आने जाने वाली फ्लाइटों में 10 नहीं उड़ीं, जबकि 22 अगस्त को यह संख्या नौ रही. 21 अगस्त को बेंगलुरु के लिए सात में से तीन फ्लाइटें नहीं उड़ीं, जबकि हैदराबाद और चेन्नई जाने वाली दो फ्लाइटें रद्द रहीं.
पटना आने-जाने वाले दोनों यात्रियों में कमी आयी है, लेकिन जाने वाले की तुलना में आने वाले यात्रियों में अधिक कमी आयी है. 18 से 22 अगस्त तक पांच दिनों में आने वालों की संख्या 3648 से 4726 के बीच रही, जबकि जाने वाले यात्रियों की संख्या 4326 से 5576 के बीच रही. यात्रियों की कमी के कारण पटना आने-जाने वाले विमानों का अक्युपेंसी रेट 27% तक नीचे गिर चुका है.