श्रावणी मेला पहले दिन से लेकर अगली पूर्णिमा तक बाबा बैजनाथ के गर्भ ग्रह के बाहर लगे बाहर अरघा से श्रद्धालु कतार बंद होकर जल और फूल अर्पण करेंगे.कांवरियों ने मंदिर प्रशासन की ओर से की गयी इस व्यवस्था से खुश दिखे. उन लोगों ने इसकी सराहना करते हुए सुखद अनुभूति का एहसास होने की बात कही.
श्रावणी मेला में लाखों श्रद्धालु उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरकर पैदल यात्रा कर बाबा बैजनाथ को जल अर्पण करने आते हैं. वे देवघर में बाबा बैजनाथ पर जल अर्पण करते हैं. यही कारण है कि इस दौरान पूरा देवघर शिवमय हो जाता है और हर ओर बोल बम का नारा लगाते देखते हैं.
ऐसी मान्यता है कि बाबा बैजनाथ ज्योतिर्लिंग मनोकामना लिंग है. यहां आने वाले सभी भक्तों की हर मुरादे पूरी हो जाती है. यही कारण है कि काफी संख्या में कांवरिया यहां पहुंचकर बाबा बैद्यनाथ को जल अर्पण करते हैं.
कोरोना महामारी के कारण 2 वर्षों के बाद श्रावणी मेला लगा है. पिछले दो वर्षो से कोरोना के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था. लेकिन, इस वर्ष श्रावणी मेला लगने से कंवरियों के साथ-साथ यहां के स्थानीय लोगों में भी काफी खुशी का माहौल है.
देश के कोना कोना से श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए देवघर के डीसी स्वंय वहां पर कैंप कर रहे हैं. मेला क्षेत्र में भीड़ रहने के कारण डीसी मोटरसाइकिल पर ही पेट्रोलिंग करते दिखे. उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री कुमैठा, नंदन पहाड़, रिंग रोड, नंदन पहाड़ स्तिथ टी पॉइंट, बरमसिया, परमेश्वर दयाल रोड, बीएड कॉलेज, तिवारी चौक, शिवराम झा चौक, नेहरू पार्क का निरीक्षण कर वहां पर की गई व्यवस्था का निरीक्षण किया. डीसी ने तैयारियों की बारीकी से जांच करते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं कार्यपालक अभियंता को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश भी दिए.