श्रावणी मेला 2023: सुबह-शाम 4 घंटे का रुद्राभिषेक, गुजरात का जत्था डेढ़ लाख मंत्र जाप कर पहुंचता है देवघर
श्रावणी मेला 2023: गुजरात से आया एक कांवरियों का जत्था बेहद अलग तरीके से तपस्या करके बाबाधाम पहुंचता है. गुरुवार को सुल्तानगंज के गंगातट पर पहुंचे कांवरियों के इस जत्थे ने बताया कि वो किस तरह दोनों पहर रूद्राभिषेक करके निकलते हैं.
श्रावणी मेला 2023 (Shravani Mela) की शुरुआत बीते मंगलवार को हो चुकी है. सुल्तागनंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल भरकर तरह-तरह के कांवरिये बाबाधाम की ओर जा रहे हैं. सुल्तानगंज से देवघर के रास्ते कांवरियों का एक ऐसा जत्था भी चल रहा है जो घर से चलने के साथ देवघर तक डेढ़ लाख मंत्र का जाप करते हैं. गुरुवार को गुजरात के इन कांवरियों का जत्था बाबाधाम की ओर रवाना हुआ.
डेढ़ लाख मंत्र का जाप करके पहुंचते बाबाधाम
श्री आशुतोष कांवरिया संघ सूरत, गुजरात के कांवरिये सुल्तागनंज पहुंचे. जत्थे में शामिल कांवरियों ने बताया कि रोज सुबह-शाम साढ़े चार घंटे का वो लोग रूद्राभिषेक करते है. बाबाधाम तक के सफर में डेढ़ लाख मंत्र का जाप हो जाता है. जत्था गुरूवार को सुलतानगंज से बाबाधाम को रवाना हुआ. मारवाडी युवा मंच के महर्षि मेंहि विश्रामालय मे सभी कांवरियों ने शिव मंत्र का जाप किया. जिसे देखने के लिए स्थानीय लोग व अन्य कांवरिया भी मौजूद रह.
44 वर्ष से लगातार आ रहे
संघ के संचालक अशोक बियाणी ब्रह्ममचारी ने कहा कि वो 44 वर्ष से लगातार आ रहे है. कांवरियों का जत्था हर बार बढ़ता है. दस दिनों की इस यात्रा में सूरत से ही कांवरिया डेढ़ लाख मंत्र का जाप बाबाधाम पहुंचने तक कर लेते है. कांवरियों का दल हर रोज सुबह-शाम साढ़े चार घंटे का रूद्राभिषेक करते है. उन्होंने कहा कि पूरे विधि-विधान के साथ नियमों का पालन करते हुए पूजा-पद्धति से कोई समझौता नहीं करते हुए बाबाधाम तक पहुंचते है.
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संघ में नही रहता कोई महिला कांवरिया सदस्य
संघ में कोई महिला सदस्य नहीं रहती हैं. बताया गया कि कठिन साधना के साथ यात्रा होने के कारण महिला को नहीं लाया जाता है. संघ में कई बड़े व्यवसायी है, लेकिन इस यात्रा में सभी नियमबद्ध होकर चलते है. संचालक अशोक ब्रह्मचारी व अध्यक्ष कैलाश गाडोदिया ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी से श्रावणी मेला में भव्यता लाने और अच्छी तरीके से मेला संचालन की मांग करेंगे. बाबा सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं. बिहार के साथ पूरे भारत का विकास हो.
(सुल्तानगंज से शुभंकर की रिपोर्ट)
Published By: Thakur Shaktilochan