श्रावणी मेला 2023: दुर्गा कांवर बना आकर्षण का केंद्र, 120 किलो वजनी कांवर लेकर निकले बंगाल के कांवरिये

Shravani Mela 2023: श्रावणी मेला 2023 की शुरुआत हो गयी है और कांवरियों का जत्था बाबा नगरी की ओर कूच कर रहा है. सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर बाबानगरी देवघर जा रहे कोलकाता के कांवरियों का एक जत्था इस बार आकर्षण का केंद्र बना है. मां दुर्गा की प्रतिमा लेकर जत्था चल रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2023 3:16 PM

Shravani Mela 2023: श्रावणी मेला 2023 की शुरुआत हो चुकी है. कांवरियों का जत्था उत्तरवाहिनी गंगा का जल भरने सुल्तानगंज पहुंचने लगा है. सुल्तानगंज में बिहार के अलावे अन्य राज्यों के ही नहीं बल्कि दूसरे देश के भी शिवभक्त पहुंच रहे हैं. कोलकाता ओम ग्रुप संस्था के 20 युवक भी सुल्तानगंज पहुंचे और उनका कांवर रलोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना था. कांवर में दुर्गा प्रतिमा स्थापित कर कांवरिये रवाना हुए हैं.

कोलकाता से कांवर लेकर चला जत्था

कोलकाता ओम ग्रुप संस्था के 20 युवक दुर्गा प्रतिमा कांवर में स्थापित कर बाबाधाम रवाना हुए. कोलकाता से पहुंचे कांवरिया गोविंद कुमार ने बताया कि ओम ग्रुप संस्था प्रत्येक साल मन्नत मांगती है. मन्नत पूरी होने पर अलग-अलग प्रकार का कांवर लेकर प्रत्येक साल बाबाधाम जाते हैं. 15 वर्षों से बाबा दरबार जा रहे हैं. सुलतानगंज नयी सीढ़ी घाट पर गंगा स्नान कर बाबा अजगैवीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की. दुर्गा प्रतिमा स्थापित कांवर में पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा जल भर बाबाधाम पैदल रवाना हुए. कच्चा कांवरिया पथ पर कांवर आकर्षण का केंद्र बना है.

120 किलो से अधिक वजन का कांवर

जत्था में चल रहे कांवरियों ने बताया कि इस विशेष कांवर का वजन 120 किलो से अधिक है. कांवरिया नाचते-गाते माता की प्रतिमा को लेकर कांवरिया पथ पर चलते हैं. अपनी मन्नत के पूरा होने की कामना करके कांवरिया शिव की नगरी जाते हैं. बताते चलें कि कांवरिया पथ पर हर साल ऐसे ही कई कांवरिया चलते हैं जो सबके लिए रास्ते में आकर्षण का केंद्र बनते हैं.

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श्रावणी मेले में कांवरियों से रौनक

गौरतलब है कि श्रावणी मेला 2023 की शुरुआत हो चुकी है. मंगलवार को सुल्तानगंज के नमामि गंगे घाट पर मेला का उद्घाटन हुआ. 50 हजार से अधिक कांवरिये अभी जल लेकर बाबा नगरी की ओर कूच कर रहे हैं. वहीं मौसम ने भी सावन की शुरुआत के साथ कांवरियों को राहत दी है. श्रावणी मेले के दौरान कांवरिये दिन-रात कच्ची पथ पर चलते दिखते हैं.पूरी अजगैवीनगरी केसरियामय है.

(सुल्तानगंज से शुभंकर की रिपोर्ट)

Published By: Thakur Shaktilochan

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