सावन की तीसरी सोमवारी को लेकर सुलतानगंज आज शिवभक्तों से पटा रहा. पूरी अजगैबीनगरी केसरियामय दिखी. अन्य दिनों की तुलना में अधिक शिवभक्त अजगैबीनाथ मंदिर में पूजा करने सुबह से उमड़े रहे.
अजगैबीनाथ मंदिर में पूजा की एक मान्यता है. ऐसा कहा जाता है कि यहां सरकारी पूजा से पहले चढ़ा हुआ जल सीधा देवघर के बाबा बैद्यनाथ पर चढ़ जाता है.
अजगैबीनाथ मंदिर के महंथ प्रेमानंद गिरी महाराज ने सरकारी पूजा की. उसके बाद शिवभक्तों ने शिवलिंग पर दूध और जल अर्पण किए.
सावन की तीसरी सोमवारी के मद्देनजर रविवार को ही लगभग 30 हजार कांवरिये अजगैबीनगरी से गंगा जल भर कर बाबाधाम के लिये रवाना हो चुके थे. सोमवार को भी अजगैबीनगरी बोलबम के नारों से गुंजायमान है.
बड़ी संख्या में कांवरिये पैदल व वाहन से बाबाधाम रवाना हुए हैं. नेपाल, उड़ीसा, बंगाल, झारखंड,राजस्थान, उत्तर प्रदेश के भी कांवरिये सुल्तानगंज घाट पर पहुंचे.
सुल्तागनंज के नमामि गंगे घाट पर क्या महिला, क्या पुरुष और क्या बच्चे.. हर उम्र के कांवरियों में श्रद्धा व उत्साह देखा जा रहा है. इधर, गंगा का जलस्तर भी बढ़ रहा है. कांवरियों को बैरिकेडिंग के अंदर रहकर ही स्नान करने की सलाह दी गयी है.
श्रावण शुक्ल षष्ठी को सावन मास की तीसरी सोमवारी व मलमासीय अति दुर्लभ सोम प्रदोष का उत्तम योग बना है. सावन मास का तीसरा व मलमास का प्रथम सोमवार सावन शुक्ल षष्ठी को हस्त नक्षत्र व शिव के प्रिय शिव योग में मनायी जा रही है. इस दिन शुभ योगों का युग्म संयोग भी बना है. आज शिव योग, रवियोग, जयद् योग एवं तैतिल करण का पुण्यकारी संयोग रहेगा.