श्रावणी मेला: 70 किलो के कांवर पर बैठे 2 कबूतरों को देखने जुट रहे लोग, बंगाल के कांवरियों ने जानें क्या कहा..

Shravani Mela 2023: श्रावणी मेले की शुरुआत हुई तो तरह-तरह के कांवर लेकर शिवभक्त कांवरिया पथ पर दिखने लगे. हावड़ा से आए एक जत्थे ने 70 किलो के कांवर पर कबूतर और महाकाल की आकृति को विराजमान कर रखा था. जानिए कबूतर के बारे में क्या कहते हैं कांवरिये...

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2023 12:45 PM

Shravani Mela 2023: श्रावणी मेला 2023 की शुरुआत हुई तो कांवरियों का जत्था बाबाधाम देवघर की ओर रवाना होने लगा. सावन महीने को शिव का पावन महीना माना जाता है और इस दौरान तरह-तरह के कांवर के साथ कांवरिया सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल भरकर बाबानगरी की ओर कूच करते हैं. सुल्तागनंज से पश्चिम बंगाल का एक जत्था गंगाजल लेकर रवाना हुआ. 70 किलो वजन के इस विशेष कांवर पर कबूतर और महाकाल की आकृति बनी हुई है.

70 किलो का कांवर लेकर पहुंचा हावड़ा के कांवरिया का जत्था

अजगैबीनाथ धाम में हावड़ा के कांवरिया का जत्था आकर्षक 70 किलो का कांवर लेकर पहुंचा. गुरूवार की रात को ये जत्था बाबाधाम के लिए रवाना हुआ. इस विशेष तरह के कांवर को देखने के लिए व कांवर के साथ सेल्फी फोटो लेने वालों की भीड़ लग गयी. इस जत्थे में शामिल हावड़ा के कांवरिया सोन मईक ने बताया कि वे लोग हर वर्ष अलग- अलग तरीके के अनोखे कांवर लेकर अजगैवीनाथ धाम से पैदल बैद्यनाथ धाम जाते हैं . उन्होंने बताया कि बाबा भोलेनाथ हम सबों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और हम सभी हर वर्ष बाबा भोलेनाथ के दरबार जाते हैं

कांवर पर कबूतर की वजह..

कांवरियों ने बताया कि इस बार तय किया गया कि कांवर में महाकाल का स्वरूप व कबूतर विशेष आकर्षण बनेगा. इसके पीछे की वजह भी वो बताते हैं. उन्होंने कहा कि शांति व प्रेम के प्रतीक के रूप में कबूतर को दिखाया गया है. महाकाल की आकृति वाले इस 70 किलो के कांवर को लेकर जत्था पैदल बैद्यनाथ धाम की ओर निकल गए. जत्थे के 15 कांवरिये बारी- बारी से नियम निष्ठा के साथ कांवर को लेकर देवघर रवाना हुए.

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120 किलो का दुर्गा कांवर

बता दें कि पिछले दिनों कोलकाता के ओम ग्रुप संस्था के 20 युवक आकर्षक कांवर लेकर रवाना हुए हैं. ये कांवर 120 किलो वजन का है और इसपर दुर्गा मां की प्रतिमा बनी हुई है. सुलतानगंज से लेकर कांवरिया पथ तक पर इस कांवर को देखने के लिए लोग उत्साहित दिखे.

(सुल्तानगंज से शुभंकर की रिपोर्ट)

Published By: Thakur Shaktilochan

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