श्रावणी मेला: अजगैबीनाथ मंदिर के महंत को देवघर में जल चढ़ाने की है मनाही, नहीं मानने पर हुआ ये हादसा..
श्रावणी मेला 2023: सुल्तानगंज स्थित अजगैबीनाथ मंदिर के महंत को देवघर में जल चढ़ाने की मनाही है. इसके पीछे वर्षों पुरानी एक घटना है जब मंदिर के महंत को खुद शिव ने दर्शन दिए थे और उसके बाद उन्हें वापस लौटने की सलाह दे दी थी. वर्तमान महंत ने जब ये बात नहीं मानी तो वो कष्ट में पड़े..
ठाकुर शक्तिलोचन: श्रावणी मेला 2023 की शुरुआत हो गयी है. शिवभक्त उत्तरवाहिनी गंगा का जल भरकर सुल्तानगंज से बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर की ओर रोज बड़ी तादाद में रवाना हो रहे हैं. पूरी अजगैबीनगरी अभी शिवमय है. एकतरफ जहां देश-विदेश से शिवभक्त गंगाजल लेने सुल्तानगंज पहुंच रहे हैं वहीं दूसरी ओर अजगैवीनाथ मठ के महंथ अजगैवीनाथ मंदिर में ही पूजा करके बाबा बैद्यनाथ का स्मरण करेंगे. यहां के महंत को देवघर में जलाभिषेक की मनाही है. महंत प्रेमानंद गिरी ने प्रभात खबर डिजिटल से बातचीत के दौरान इसके पीछे की वजह बताई…
अजगैवीनाथ मंदिर के महंत को देवघर में जलाभिषेक की मनाहीअजगैबीनाथ मंदिर के महंत प्रेमानंद गिरी महाराज ने बताया कि यहां के महंत देवघर जाकर जलाभिषेक नहीं करते हैं. उन्हें इसकी मनाही है. इसके पीछे की वजह को लेकर उन्होंने कहा कि करीब 500 साल पहले महंत सिद्धनाथ भारती और उनके शिष्य केदारनाथ भारती यहां से जल भरकर रोजाना बाबा बैद्यनाथ धाम जाते थे. वर्षों तक ये तपस्या चलती रही.
महंत ने बताया कि एक बार ऐसा हुआ कि ब्राह्मण के वेश में भोलेनाथ खुद उनके सामने खड़े हो गए और जल मांगने लगे. दोनों ने मना कर दिया. पर वो साधू नहीं माने और पीछे-पीछे चलने लगे. कुछ दूरी जाकर देवघर के ही रास्ते में एक जंगल में उनसे शर्त रखी गयी कि पहले वो अपने वास्तविक रूप में आएं. संत के वेश में खुद बाबा बैद्यनाथ थे. उन्होंने अपना वास्तविक रूप दिखा दिया.
Also Read: श्रावणी मेला: 70 किलो के कांवर पर बैठे 2 कबूतरों को देखने जुट रहे लोग, बंगाल के कांवरियों ने जानें क्या कहा.. भोले ने दिए ये वरदान..भोलेनाथ को सामने देखकर दोनों उनके चरणों में गिर पड़े. संतों से भोलेनाथ ने वरदान मांगने कहा तो संतों ने मांगा कि अपने चरणों में शिव उन्हें स्थान दें. जिसके बाद शिव ने उन्हें वरदान देते हुए कहा कि शिवलिंग के पास दो मिट्टी के पिंड मिलेंगे. भोलेनाथ ने कहा कि वो अजगैबीगरी में भी रहते हैं. वर्तमान महंत ने बताया कि अजगैबीनाथ मंदिर में जो दो पिंडी सोने जैसा दिखता है, वो उन्हीं दो संतों का है.
देवघर जाकर जल चढ़ाने की मनाहीअजगैबीनाथ मंदिर के महंत ने कहा कि भोलेनाथ ने तब उन संतों से कहा था कि आज से देवघर जाकर जल अर्पण करने की जरूरत नहीं है. महंत ने बताया कि अजगैबीनाथ में सुबह सरकारी पूजा के पहले जो जल अर्पण किया जाता है वो देवघर वाले बाबा बैद्यनाथ को चढ़ता है और सरकारी पूजा के बाद चढ़ाया गया जल बाबा अजगैबीनाथ को चढ़ता है.
देवघर जाकर पूजा करने की गलती वर्तमान महंत को पड़ी भारीमहंत प्रेमानंद गिरी महाराज ने बताया कि यहां के महंत कभी देवघर जाकर पूजा नहीं करते. अगर किसी ने ये कोशिश की तो कष्ट में पड़े. खुद के बारे में महंत प्रेमानंद गिरी महाराज ने बताया कि एकबार उन्होंने ये दुस्साहस कर लिया और अखाड़े के कुछ संतों को पूजा कराने खुद देवघर चले गए. अखाड़े के बड़े संतों ने कहा बाबा चलिए, ये सब कहने की बात है और मैने मान लिया. उन्होंने बताया कि जब वो पूजा करके लौटे तो उन्हें आंखों में अचानक तकलीफ शुरू हो गयी. फौरन बाबा भोलेनाथ से माफी मांगी तो राहत मिली. लेकिन चश्मा लग ही गया. महंत ने बताया कि उस घटना के बाद वो कभी ऐसी कोशिश नहीं करते. देवघर जाते भी हैं तो मंदिर में प्रवेश नहीं करते.
Published By: Thakur Shaktilochan