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बाबा गरीबनाथ का जलाभिषेक के लिए कांवरियों का पहला जत्था रवाना, भीड़ पर ड्रोन से रखी जाएगी नजर, स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट

Shravani Mela 2024: 22 जुलाई से पवित्र श्रावणी मेला प्रारंभ हो रहा है. सावन की पहली सोमवारी पर बाबा गरीबनाथ का जलाभिषेक करने के लिए शुक्रवार की शाम कांवरियों का पहला जत्था पहलेजा घाट से गंगाजल लेकर रवाना हो गया है.

By Abhinandan Pandey | July 20, 2024 3:01 PM

Shravani Mela 2024: 22 जुलाई से पवित्र श्रावणी मेला प्रारंभ हो रहा है. सावन की पहली सोमवारी पर बाबा गरीबनाथ का जलाभिषेक करने के लिए शुक्रवार की शाम कांवरियों का पहला जत्था पहलेजा घाट से गंगाजल लेकर रवाना हो गया है. शनिवार की शाम तक कांवरियों का जत्था वैशाली सीमा के विभिन्न क्षेत्रों में ही रहेगा.

इसी दिन रात को कांवरिया मुजफ्फरपुर की सीमा में प्रवेश करेंगे. पहलेजा जाने से पहले सुबह में कांवरियों का जत्था गेरुआ वस्त्र धारण कर कंधे पर कांवर और हाथों में कलश लेकर बाबा गरीबनाथ मंदिर पहुंच बाबा का आशीर्वाद लिए.

ड्रोन कैमरे से भीड़ पर रखी जाएगी निगरानी

वहीं दूसरी ओर श्रावणी मेला में इस बार सीसीटीवी के साथ-साथ ड्रोन कैमरे से भी भीड़ की निगरानी रखी जाएगी. सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन का सर्वर एआई तकनीक से जोड़ा जाएगा, ताकि भीड़ नियंत्रण के लिए उपाय तुरंत किया जा सके. ऐसा पहली बार होगा गंगा स्नान के समय घाट पर लॉकर की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग रहेगा अलर्ट, लगेंगे सैकड़ो शिविर

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि 22 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावणी मेला में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट रहेगा. इस दौरान सैकड़ों शिविरों में आपातकाल से लेकर सामान्य अवस्था वाली चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध रहेगी. इसी क्रम में पांच साल तक के बच्चों को विशेष अभियान के तहत पोलियो खुराक पिलाई जाएगी.

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चलाया जाएगा पल्स पोलियों का टीकाकरण अभियान

मंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला के दौरान हजारों श्रद्धालु भारत के विभिन्न राज्यों एवं पड़ोसी देश नेपाल से देवघर जाने के लिए भागलपुर, मुंगेर और बांका जिला से गुजरेंगे. इस मौके पर उनके साथ छोटे बच्चे भी होंगे. ऐसी स्थिति में इन तीन जिलों में 22 जुलाई से 19 अगस्त तक पल्स पोलियो का विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा.

कांवरियों को परेशानी न हो इसके लिए डेढ़ दर्जन अधिकारियों की तैनाती

कांवर यात्रा के दौरान कांवरियों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसका ध्यान रखते हुए सरकार ने प्रत्येक स्तर से व्यवस्था की है. श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के डेढ़ दर्जन अधिकारियों की तैनाती की गई है. इन सभी अधिकारियों को भागलपुर व बांका समाहरणालय में प्रतिनियुक्ति किया गया है.

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