Shravani Mela: मस्जिद से मांगी जाती है कांवरियों के लिए खास दुआ,तो सावन में कांवरिया भी करते हैं चादरपोशी
सुलतानगंज में कई मुस्लिम परिवार सालों भर श्रावणी मेला में बिकने वाली सामग्री बनाते हैं. सावन में हमारे लिए भी कांवरियों की सेवा सर्वोपरि होती है.
अजगैवीनाथ धाम से शुभंकर
पूरे सावन सुलतानगंज में सौहार्द की अद्भुत मिसाल दिखती है. मुस्लिम भाई भी कांवरियों की सेवा में लगे रहते हैं. इधर सावन के पहले जुमे को को शाही मस्जिद में मुस्लिम भाइयों ने विशेष नमाज अदा कर अपने कांवरिया भाइयों के लिए सुख, शांति व समृद्धि की दुआ मांगी. मस्जिद के इमाम ने बताया कि हर वर्ष सावन में कांवरिये के लिए यहां खास नमाज अदा कर दुआ मांगी जाती है. कई कांवरिया भी चादरपोशी करते हैं. कांवरिया भाइयों की राह आसान हो, घर सही सलामत पहुंचें, अल्लाह ताला से हम उनके लिए यही दुआ मांगते हैं.
कोलकाता कांवर संघ बाबा भोले का अद्भुत दृश्य लिये हुए सुल्तानगंज से देवघर जा रहे हैं. जिसे देखने के लिए कांवरियों के साथ ही आम लोगों की भीड़ भी उमड़ रही है…. pic.twitter.com/8cYOIp6uzh
— Rajesh Kumar Ojha (@RajeshK_Ojha) July 16, 2022
कांवरिया की सेवा से मिलता है सुकून
हर साल श्रावणी मेले का इंतजार मुस्लिम तबके के लोगों को भी बेसब्री से रहती है. मो इजराइल, मो चांद, मो मंजूर, मो नईम उद्दीन, मो सफरूद्दीन आदि ने बताया कि सुलतानगंज में कई मुस्लिम परिवार सालों भर श्रावणी मेला में बिकने वाली सामग्री बनाते हैं. सावन में हमारे लिए भी कांवरियों की सेवा सर्वोपरि होती है. मो मुन्ना, जब्बार, मो अब्बास, मो टुनटुन, मो कलाम, मो फिरोज, मो शहनवाज आदि कांवरियाें के उपयोग की वस्तुओं की बिक्री करते हैं. कांवरियों को अतिथि मान कर सभी सेवा भाव में जुटे रहते हैं. मो महमूद ने बताया कि सावन में कांवरियों के सामानों की बिक्री के लिए पूरी शुद्धता बरती जाती है. मांस-मुर्गा की दुकानें भी बंद कर दी जाती हैं. घर में भी मांसाहार का सेवन नहीं करते हैं.