श्रावणी मेला (Shravani Mela 2022 ) इस बार कोरोनाकाल के बाद लगा है. दो साल के बाद लगे इस मेले में बिहार और झारखंड ही नहीं बल्कि भारत के कोने-कोने से कांवरिये पहुंचते हैं. इस साल भी सिक्किम से कांवरियों का एक जत्था बाबाधाम के लिए रवाना हुआ. सुल्तानगंज पहुंचकर कांवरियों ने उत्तरवाहिनी गंगा का जल भरा और देवघर के लिए निकल गये.
सावन मेला 2022 के आठवें दिन गुरुवार को गंगटोक शहर के लाल मार्केट से कांवरियों का एक जत्था सुल्तानगंज पहुंचा. गंगटोक के कांवरियों ने उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान करने के बाद जल भरा. अजगैवीनाथ में पूजा-अर्चना करते कांवरिये भोलेनाथ की भक्ति में झूमते नजर आए. गंगटोक की कांवरिया कुसुम प्रधान समेत कई कांवरियों ने कांवर यात्रा के उत्साह का जिक्र किया.
कांवरियों ने कहा कि वो बाबा भोलेनाथ के दरबार कई वर्षों आ रहे हैं. जल भरने के बाद कुसुम प्रधान ने कहा कि सपरिवार सावन माह मे बाबा भोलेनाथ को जल चढाने के लिये पहुंचते हैं. बाबा भोलेनाथ हमारी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. दो साल कोरोना महामारी मे बाबा भोलेनाथ को जल नहीं चढा पाए थे. इस बार श्रावणी मेला हो रहा हैं. बाबा भोलेनाथ को जल चढाने पहुंचे हैं. यहां आकर मुझे बहुत खुशी मिली हैं.
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अजगैबीनाथ धाम मे पूजा करने के बाद कांवरियों का मन आनंदित होता है. वो वाहन से देवघर जाएंगे और बाबा भोले की पूजा करेंगे. प्रशासन के द्वारा की गयी व्यवस्था से भी कांवरिया खुश दिखे. बताया कि सुलतानगंज उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान के बाद सालों भर पूरी ऊर्जा मिलती रहती है. इस दौरान गंगटोक, लाल मार्केट कांवरिया देबकी सुब्बा,रतना सुब्बा,सम्मी प्रदान,कुसुम प्रधान,हेमक्षेत्री,निर्मला सुब्बा,स्वामी प्रधान आदि मौजूद थे.
(सुल्तानगंज से शुभंकर की रिपोर्ट)