Janmashtmi 2022 Date : क्या दो दिन मनाई जाएगी जनमाष्टमी, जानें सही तिथि और मुहूर्त

Janmashtmi 2022 Date: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम के साथ कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस बार जन्माष्टमी को लेकर लोग बहुत ज्यादा कंफ्यूजड हैं. रक्षाबंधन की तरह ही इस बार जन्माष्टमी भी दो दिन मनाई जाएगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2022 6:05 PM

जन्माष्टमी को लेकर लोग हुए कंफ्यूजड

भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम के साथ कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है. आज के दिन लोग उपवास रखकर घर-परिवार की सुख और शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हैं. लेकिन रक्षाबंधन के बाद लोग इस बार जन्माष्टमी को लेकर भी बहुत ज्यादा कंफ्यूजड हैं. रक्षाबंधन की तरह ही इस बार जन्माष्टमी भी दो दिन मनाई जाएगी. कैलेंडर में 18 और 19 दोनों ही तारीख दिखा रहा है और लोग सोच रहे अब जन्माष्टमी किस दिन मनाएं.

भगवान श्रीकृष्ण का मनाया जाएगा 5250वां जन्मोत्सव

यह त्योहार देश के हर एक कोने में मनायी जाती है, लेकिन मथुरा में जन्माष्टमी पर्व और भी विशेष उत्सव के साथ मनाया जाता है, क्योंकि यह भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है. हर साल भाद्रपद यानी भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं की इस दिन व्रत रखने और भगवान की विशेष पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

कब है सही मुहूर्त 18 या 19?

लेकिन जन्माष्टमी होने का दावा कोई 18 अगस्त तो कोई 19 अगस्त को कर रहा है. कुछ ज्योतिषाचार्यों का मत है कि जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त को मनाया जाएगा, जबकि कुछ का कहना है कि जन्माष्टमी का पर्व अष्टमी तिथि के आठवें मुहूर्त में मनाया जाता है जो कि 19 अगस्त को रहेगा. 18 अगस्त को सप्तमी तिथि रात 09 बजकर 20 मिनट तक रहेगी. इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी, जो कि 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी. 19 अगस्त को पूरे दिन अष्टमी तिथि रहेगी और इसी तिथि में सूर्योदय भी होगा. इसलिए जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी. लेकिन धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रात 12 बजे हुआ था. इसलिए यह त्योहार 18 अगस्त को ही मनाया जाएगा.

क्यों मनाई जाती है जनमाष्टमी?

सदियों से भारत में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है. जन्माष्टमी के दिन लोग एक दिन का उपवास रखते हैं. भगवान के जन्म के पश्चात व्रती जश्न मनाते हैं. इसके बाद लोग अपना व्रत तोड़ते हैं. पूजा मध्यरात्रि के बाद शुरू होती है, भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को स्नान करा कर नए वस्त्र पहनाकर पालने में बैठाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार भाई कंस के अत्याचार सहते हुए कारागार में बंद माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. भगवान ने पृथ्वी को कंस के आतंक से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था. इसी मान्यता के अनुसार हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है.

Next Article

Exit mobile version