जीएसटी का साइड इफेक्ट: कॉपियों में पन्ने हो गये कम, पेंसिल भी हुई छोटी, दाम में भी हो गयी बढ़ोतरी
जीएसटी लगने की वजह से स्टेशनरी वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ गयी हैं. पांच रुपये में मिलने वाली पेंसिल सात रुपये तक पहुंच गयी है और इसका साइज भी छोटा हो गया है. वहीं, शार्पनर और इरेजर पर भी दो से तीन रुपये का इजाफा हुआ है.
पटना. जीएसटी लगने की वजह से स्टेशनरी वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ गयी हैं. पांच रुपये में मिलने वाली पेंसिल सात रुपये तक पहुंच गयी है और इसका साइज भी छोटा हो गया है. वहीं, शार्पनर और इरेजर पर भी दो से तीन रुपये का इजाफा हुआ है. ड्रॉइंग पेपर के साथ ही स्याही के भी दाम बढ़ गये हैं. 10 रुपये में मिलने वाला पेन और 15 रुपये तक मिल रहा है. कुल मिला कर 12 से 18% तक जीएसटी लगने से स्टेशनरी प्रोडक्ट के मूल्यों में 25 से 30% तक इजाफा हुआ है. स्टेशनी दुकानदारों ने बताया कि कॉपियां महंगी हुई हैं, तो उनके पेज भी कम कर दिये गये हैं.
पेंसिल की लंबाई में आया अंतर
स्टेशनरी प्रोडक्ट खरीदने आयी अनिता कहती हैं कि स्टेशनरी प्रोडक्ट के दाम बढ़ने से खर्च बढ़ा है. उन्होंने बताया कि पहले जिस कॉपी में 128 पेज थे, अब वे घटकर 120 ही रह गये हैं. कुछ कॉपियों की लंबाई और चौड़ाई कम हो गयी है. पेंसिल की लंबाई में भी कुछ अंतर आया है.
स्टेशनरी के आइटम की इस तरह बढ़ीं कीमतें
स्टेशनरी पहल का रेट अब का रेट
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पेंसिल ~02-~04 ~05-~08
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पेन ~10 ~15
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चार्ट पेपर ~03 ~06
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मार्कर ~06-~07 ~09-~10
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पेसिंल कलर ~25-~30 ~40-~45
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स्केच कलर किट ~135 ~170
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इंस्ट्रूमेंट बॉक्स ~40-~45 ~65-~70
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शार्पनर ~03-~05 ~05-~08
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इरेजर ~02 ~03-~05
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स्केल ~10-~15 ~25-~30
क्या कहते हैं दुकानदार
12 से 18% जीएसटी लगने की वजह से स्टेशनरी प्रोडक्ट के रेट में इजाफा हुआ है. इससे बाजार पर भी असर पड़ा है. नये सत्र में बच्चेलिमिटेड प्रोडक्ट ही खरीद रहे हैं.
– रितेश कुमार, रस्तोगी स्टेशनरी, खजांची रोड
रेट तो बढ़ा है, मगर अब लोग धीरे-धीरे खरीदारी के लिए पहुंचने लगे हैं. कागज के लोकल सप्लायर भी जीएसटी बढ़ने की बात कह कर अधिक दाम में पेपर दे रहे हैं.
– कमलतोश, कंचन पेन हाउस, खजांची रोड
ड्राइ फ्रूट की कीमतों में 50 से 200 रुपये प्रति किलो तक का इजाफा
पटना. पिछले एक माह में ड्राइ फ्रूट की कीमताें में 50 से 200 रुपये प्रति किलो तक का इजाफा हो चुका है. ड्राइ फ्रूट व्यवसायियों की मानें, तो कीमत बढ़ने की वजह डिमांड और ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ना है. कारोबारियों की मानें तो सावन में ड्राइ फ्रूट की मांग बढ़ जाती है. लेकिन, कीमत मांग बढ़ने के कारण नहीं, बल्कि ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ने से हुआ है.
कीमतें (प्रति किलो)
आइटम पहले अब
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काजू ~700-~1000 ~800-~1100
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किशमिश ~250-~550 ~300-~600
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छुहारा ~200-~300 ~250-~350
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बादाम ~700-~1100 ~800-~1200
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पिस्ता ~1000-~2000 ~1100-~2200
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खजूर ~150-~900 ~150-~1000
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अखरोट ~1100-~1500 ~1200-~1700