Side Effects of Lockdown : माता-पिता के झगड़े से बच्चों में बढ़ रहा डिप्रेशन
Side Effects of Lockdown : पहले हफ्ते में 2 या 3 केस आया करते थे. लेकिन, अब हर दिन पांच से सात मामले आ रहे हैं.
पटना : लॉकडाउन का साइड इफेक्ट अब डिप्रेशन के रूप में सामने आ रहा है. लॉकडाउन में अपने घरों के अंदर रहने वाला हर व्यक्ति किसी न किसी मुश्किल से गुजरा है. कई लोगों पर इसका असर इस कदर हुआ कि वे डिप्रेशन के शिकार हो गये. इस मामले में शहर के आंकड़े हैरान करने वाले हैं.
मनोचिकित्सक डॉ बिंदा सिंह बताती हैं कि बच्चों में डिप्रेशन के केस पहले कम आते थे. हफ्ते में 2 या 3 केस आया करते थे. लेकिन, अब हर दिन पांच से सात मामले आ रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है माता-पिता के बीच होने वाला झगड़ा.
दूसरे कारण भी हैं , जिनमें बच्चों के स्कूल बंद होने की वजह से रूटीन में आये बदलाव, दोस्तों से न मिल पाना व कहीं घूमने न जा पाना भी शामिल हैं. लेकिन ज्यादातर केस में पैरेंट्स का झगड़ा बच्चों के लिए डिप्रेशन की वजह बन गया है.
क्लीनिकल साइकोल्जिस्ट डॉ विनीता त्रिपाठी ने बताया कि लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरी छूटी तो किसी का करोबार ठप हो गया. घरों में डिप्रेशन के यह मुख्य कारण रहे. इस कारण शहर में ऐसे केसों में वृद्धि हुई.
लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद अब तक केस बढ़ रहे हैं. मनोचिकित्सकों के अनुसार लॉकडाउन के बाद पहले के मुकाबले बड़ी संख्या में डिप्रेशन के मरीज आ रहे हैं. मनोचिकित्सकों का कहना है कि कुछ बातों को ध्यान में रखा जाये तो डिप्रेशन से बचा भी जा सकता है.
डिप्रेशन से उबरना मुमकिन
डॉ विनीता त्रिपाठी ने बताया कि डिप्रेशन ऐसी बीमारी नहीं है, जिससे उबर न सकें. इससे निजात पाना संभव है. बस डॉक्टर का परामर्श जरूरी है. इसमें ज्यादा देर नहीं करना चाहिए. समय पर इलाज से स्थिति सुधर सकती है.
अभिभावक रखें ख्याल
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बच्चों के सामने किसी भी बात को लेकर आपस में न करें बहस
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आपस के मामले में बच्चों को न करें इन्वॉल्व
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बच्चों के विश्वास को जीतें, ताकि शेयर करें हर बात
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बच्चों के साथ बिताएं वक्त, उनके साथ खेल में लें हिस्सा
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किसी भी बात को लेकर न बनाएं दबाव
Posted by Ashish Jha