सूख नहीं रहा रेशम, लूम हुआ ठंडा, कोरोना से पड़ने लगी दोहरी मार, 40 प्रतिशत बुनकर मजदूरों ने छोड़ा काम

कोई ठंड से बचने के लिए समय पर नहीं पहुंच रहे और समय से दो घंटा पहले ही घर जा रहे है. इससे कपड़ा तैयार होने के लिए लगने वाला सूता सूख नहीं रहा है. इतना ही नहीं कपड़ा फिनिसिंग करने के लिए कुछ देर पानी में रखा जाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 10, 2022 1:00 PM

भागलपुर. एक ओर जहां ठंड के कारण पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वही दूसरी ओर कोरोना के बढ़ते प्रकोप से रेशम उद्योग भी अछूता नहीं रहा. 40 फीसदी बुनकर मजदूरों ने काम छोड़ दिया, तो कुछ ने काम का समय घटा दिया. इससे रेशम व अन्य कपड़ा उद्योग में रंगाई, बुनाई व फिनिसिंग का काम बाधित हो रहा है. महाजनों का ऑर्डर समय पर पूरा करना चुनौती बन गयी है. आम दिनों में प्रतिदिन 10 करोड़ का कारोबार होता है. अभी रोजाना तीन से चार करोड़ का कारोबार प्रभावित हो रहा है. इतना ही नहीं कोरोना के कारण लोकल मार्केट फिर से डाउन होने लगा है. ऐसे में बुनकरों पर ठंड व कोरोना की दोहरी मार पड़ने लगी है.

ठंड से 30 फीसदी तक आर्डर कैंसिल

हुसैनाबाद के बुनकर रहमत अंसारी ने बताया कि ठंड के कारण लूम चलाने वाले कारीगरों का आना बंद हो गया है. कोई ठंड से बचने के लिए समय पर नहीं पहुंच रहे और समय से दो घंटा पहले ही घर जा रहे है. इससे कपड़ा तैयार होने के लिए लगने वाला सूता सूख नहीं रहा है. इतना ही नहीं कपड़ा फिनिसिंग करने के लिए कुछ देर पानी में रखा जाता है. इतनी पक्रिया से गुजरने के बाद पूरा माल तैयार होने में काफी समय लग रहा है.

ऐसे में 30 फीसदी तक ऑर्डर कैंसिल होने लगा है. कोलकाता, दिल्ली, मुंबई आदि शहरों में कपड़े समय पर नहीं पहुंच रहे है. ठंड में कारोबार 30 फीसदी तक प्रभावित हो रहा है. वही बुनकर शमशाद ने कहा कि कोरोना एक बार आफत बनकर सामने आ गया है. बुनकर बहुल क्षेत्र चंपानगर, नाथनगर आदि में लूम की गति धीमी हो गयी है. अधिकतर लोग ठंड व कोरोना से खुद को बचाने में लगे है.

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ऑर्डर मिलना हुआ बंद

बुनकर प्रतिनिधि इबरार अंसारी ने बताया कि पहले से ही ठंड का असर बुनकरों के काम पर था और अब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने से देश में कई गतिविधियां स्थगित हो गयी है. इसका असर कपड़ा उद्योग पर पड़ा है. इससे बुनकरों को आर्डर मिलना बंद हो गया है. बुनकर फिर से सशंकित दिख रहे है.

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