पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार की नदियों के गाद की उड़ाही का काम तेज किया जाये. बरसात से पहले नदी से शिल्ट हटाने का काम पूरा कर लेने की जरुरत है. इससे बाढ़ का खतरा भी कम रहेगा और नदियों की जल संग्रहण क्षमता भी बढ़ेगी. इससे सिंचाई कार्य में और सुविधा होगी. मुख्यमंत्री ने बुधवार को संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारियों को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा की. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को कई प्रकार के निर्देश दिये. उन्होंने जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल संरक्षण कार्य की सतत् निगरानी करने को कहा. साथ ही वृक्षारोपण के कार्य को और बढ़ाने की जरुरत पर बल दिया.
1 अणे मार्ग स्थित ‘लोक संवाद’ में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों की स्थिति का आकलन कर आपदा को लेकर सतर्क रहने का निर्देश दिया. बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक ने इस वर्ष मॉनसून सत्र के दौरान वर्षापात के पूर्वानुमान की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मॉनसून में 96 प्रतिशत औसत वर्षा होने तथा बिहार में 952 मिली मीटर वर्षा होने का पूर्वानुमान है. आपदा प्रबंधन सह जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने आपदाओं की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी.
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉनसून के आगमन के पूर्व सभी तैयारियां ससमय पूरी कर लें. अभी से इसको लेकर एक-एक चीज पर नजर रखें. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष गर्मी ज्यादा है. इसे ध्यान में रखते हुये सभी प्रकार की तैयारी रखें और लोगों को सचेत करें. उन्होंने कहा कि भू-जलस्तर पर नजर रखें और पेयजल का इंतजाम रखें. हर घर नल का जल से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसे पूरी तरह मेंटेन रखें. बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री ललित कुमार यादव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह आदि मौजूद थे.