Loading election data...

बिहार का एक गांव: हर घर में बनती 2 किलो तक की चांदी की मछली, विदेशों में भी भारी डिमांड, जानिये खासियत

बिहार के बांका जिले का एक गांव ऐसा है जहां अधिकतर घरों में चांदी की मछली तैयार की जाती है. इन मछलियों की धूम विदेशों में भी है. विदेशों से इसके ऑर्डर आते हैं. वहीं इस मछली को तैयार करने वाले कारीगर आजतक उपेक्षा के ही शिकार हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2022 12:34 PM

बिहार के बांका जिला के कटोरिया प्रखंड के मनियां गांव के अधिकांश घरों में लोग चांदी की मछली बनाते हैं. इसमें गांव के युवा, बुजुर्ग व महिलाएं भी शामिल हैं जो चांदी की सुंदर-सुंदर मछलियां बनाती हैं. शुभ कार्यों में चांदी की मछली का विशेष महत्व है. यह जीवन में उन्नति व समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है. मनियां गांव की बनी मछली की डिमांड विदेशों में भी काफी अधिक है.

विदेशों में भी मनियां की बनी मछली की डिमांड

कटोरिया प्रखंड मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर है मनियां गांव. जहां हाथ से तैयार चांदी की मछली इतनी खूबसूरत होती है कि इसकी डिमांड देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ सात समंदर पार विदेशों में भी होती हे. चांदी से मछली तैयार करने की पुश्तैनी कारीगरी से गांव के करीब दो सौ लोग जुड़े हुए हैं.

चमत्कारी मानी गयी है चांदी की मछली

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चांदी सबसे शुभ व शीतल धातु मानी गयी है. वास्तु शास्त्र में भी चांदी या चांदी से बनी चीजों को बहुत ही शुभ माना गया है. इसमें चांदी की मछली, कछुआ, हाथी आदि शामिल हैं. चांदी की मछली को फेंगशुई व वास्तु दोनों में धनदायक, शुभकारी व चमत्कारी माना गया है. ऐसी मान्यता है कि घर में चांदी की मछली रखने से कई संकट टल जाते हैं.

Also Read: बिहार के बांका में आग से हाहाकार: भदरिया में दर्जनों बकरियां व गाय की मौत, बाराहाट में महिला ने तोड़ा दम
कलाकार उपेक्षा के शिकार

बताते चलें कि मछली तैयार करने वाले यहां के कलाकार उपेक्षा के शिकार हैं.करीब दो वर्ष पहले उद्योग विभाग से कारीगरों के दो ग्रुप को चांदी से पत्तर बनाने की मशीन को उपलब्ध करायी गयी है. लेकिन सिर्फ स्टेबलाइजर की व्यवस्था नहीं किये जाने के कारण, मशीन दो सालों से सिर्फ शोभा की वस्तु बनी हुई है.

बिचौलियों के चक्कर में वाजिब मुनाफा से वंचित

यदि इन कारीगरों को सरकार से आर्थिक मदद मिल जाती, तो बिचौलियों की भूमिका ही खत्म हो जाती. कारीगरों को ज्यादा मुनाफा भी प्राप्त होता. अधिकांश कारीगरों के हुनर महाजनों व बिचौलियों के चक्कर में वाजिब मुनाफा भी नहीं दिला पा रहे. यदि इन्हें सिर्फ पूंजी उपलब्ध करा दी जाये, तो इनकी किस्मत भी चांदी की तरह चमक सकती है.

मिलेगी सरकारी सहायता- जिला योजना पदाधिकारी

मनियां गांव के कारीगरों को हर सरकारी सहायता विभाग द्वारा दिलायी जायेगी. आकांक्षी जिला के लिए मिलने वाली अगली किस्त में इस गांव को भी जोड़ा जायेगा. ताकि यहां के रोजगार को और विस्तार रूप दिया जा सके. गांव को मॉडल के रूप में विकसित किया जायेगा.

बबन कुमार सिंह, जिला योजना पदाधिकारी, बांका

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version